प्रवासी श्रमिकों के मसीहा बने मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

कोविड-19 के संक्रमण से प्रदेशवासियों को बचाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के साथ प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी का जिम्मा भी मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने उठाया। एक साथ बड़ी संख्या में सीमावर्ती राज्यों से वापस आ रहे श्रमिकों के लिए न केवल माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई बल्कि यातायात के समस्त साधनों के साथ लाखों की संख्या में श्रमिकों को सही सलामत उनके घर भेजा गया। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था के मुरीद बन गये प्रवासी श्रमिक। विपरीत परिस्थितियों में सकुशल अपने घर पहुँचे प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान को मसीहा निरूपित किया।

प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री  चौहान ने अविलंब निर्णय लेते हुए ट्रेन और बसों के माध्यम से बगैर किराया लिये श्रमिकों को घर तक पहुँचाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की। इसे कार्यरूप में परणित करने के लिए मुख्यमंत्री ने जहाँ एक ओर रेल मंत्री से बात कर ट्रेनों की व्यस्था की वहीं दूसरी ओर बस आपरेटरों से बात कर बसों की उपलब्धता सुनिश्चित की। उन्होंने प्रत्येक प्रदेश के लिये एक-एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी को श्रमिकों की वापसी की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी।

श्रमिकों की वापसी के पंजीयन के लिये एक पोर्टल बनाया गया तथा एक फोन नम्बर 0755-2411180 जारी किया गया। इसका विज्ञापनों और समाचारों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। विभिन्न प्रदेशों के बहुप्रसारित समाचार पत्रों में भी छपवाया गया। परिणामस्वरूप प्रवासी श्रमिकों ने पंजीयन शुरू करवाया और इसी के आधार पर बसों और ट्रेनों की व्यवस्थायें सुनिश्चित की गयीं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलना़डु, गोवा, केरल, राजस्थान, दिल्ली और जम्मू सहित अन्य राज्यों से 14 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक वापस आये। इसके लिये 141 से अधिक ट्रेन चलायी गयीं। बसों की 29 हजार 922 ट्रिप लगवायी गयीं। प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण और भोजन-पानी उपलब्ध कराने के बाद उन्हें अपने घर तक पहुँचाया गया।

मुख्यमंत्री  चौहान ने अपने प्रदेश के श्रमिकों के साथ अन्य प्रदेशों के श्रमिक जो मध्यप्रदेश से होकर जा रहे थे, उनकी भी चिंता की। उन्होंने कहा कि हम सब भारत माँ के लाल है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा। लगभग 5 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्यों अथवा निकटस्थ राज्य की सीमा तक नि:शुल्क पहुँचाया गया। उनके ठहरने, स्वास्थ्य परीक्षण और भोजन-पानी की भी व्यवस्था की गयी।

प्रवासी श्रमिकों के खाते में 15 करोड़

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने प्रवासी श्रमिकों की फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये उनके बैंक खाते में एक-एक हजार रूपये जमा करवाये। एक लाख 50 हजार श्रमिकों के खाते में लगभग 15 करोड़ रूपये से अधिक राशि जमा करवायी गयी। मध्यप्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों के खाते में भी एक-एक हजार रूपये जमा करवाये गए। लगभग 700 श्रमिकों के खाते में 70 लाख रूपये की राशि अंतरित की गयी।

मध्यप्रदेश संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार श्रमिकों के खाते में प्रति श्रमिक एक हजार रूपये के मान से 88 करोड़ से अधिक राशि जमा करवायी गयी।

 रोजगार सेतु पोर्टल बना रोजगार का 'आटोमेटिक मोड'

प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने की समस्या का हल तो निकला लेकिन इससे बड़ी समस्या सामने खड़ी थी, वह थी उनके लिये रोजगार। मुख्यमंत्री  चौहान ने इस समस्या के निराकरण के लिये 'रोजगार सेतु पोर्टल' बनवाया। इसमें श्रमिकों के साथ ही रोजगार देने वालों का भी पंजीयन करवाया। इससे 'रोजगार सेतु पोर्टल' कौशल अनुसार रोजगार देने का 'आटोमेटिक मोड' बन गया है। पोर्टल में 13 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। पोर्टल में 15 हजार 863 नियोक्तओं ने भी पंजीयन करवाया है। इनमें से लगभग 4 हजार प्रवासी श्रमिकों को कुशल श्रमिक के रूप में रोजगार प्राप्त हो चुका है। लगभग 10 हजार कुशल श्रमिकों को रोजगार देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अकुशल प्रवासी श्रमिकों मे से 3 लाख 956 को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाया गया है। एक लाख 30 हजार से अधिक श्रमिकों को मनरेगा में काम दिलाया गया है।

प्रवासी श्रमिकों को नि: शुल्क राशन

प्रवासी श्रमिकों को भूखे पेट नहीं सोना पड़े, इस हेतु मुख्यमंत्री  चौहान  चौहान ने इन्हे नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान किया। प्रवासी श्रमिकों को एसडीआरएफ मद में 3 लाख 50 हजार क्विंटल से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया। प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य राज्य के श्रमिकों को मई एवं जून के लिये प्रतिमाह प्रति सदस्य 5 किलो गेहूँ और एक किलो चना नि:शुल्क वितरित किया गया।

'वन नेशन- वन राशन कार्ड' योजना से भी प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न लेने में सुविधा हुई हैं।

प्रवासी मजदूर योजना

मुख्यमंत्री  चौहान ने एक दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय लेते हुए यह तय किया कि प्रवासी मजदूर आयोग बनाया जायेगा। अब हर प्रवासी श्रमिक को काम -धंधे के लिये बाहर जाने से पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इससे बाहर जाने वाले श्रमिकों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी तथा उनके हितों का ध्यान रखा जा सकेगा। प्रवासी मजदूर आयोग इनके कल्याण के लिये नीति बनाएगा।

'श्रम सिद्धि' अभियान

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने 22 मई 2020 को हर पंचायत में 'श्रम सिद्धि' अभियान की शुरूआत की। अभियान में घर-घर सर्वे कर जिनके जॉब कार्ड नहीं हैं, उनके कार्ड बनाकर उन्हें काम दिया जा रहा है।

इस तरह से मुख्यमंत्री  चौहान ने प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिये एक मसीहा की तरह हर स्तर पर योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया।

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