प्रभारी मंत्री की बैठक में जोरदार हंगामा, आपस में भिड़े कांग्रेसी, जमकर हुई नारेबाजी
ग्वालियर
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अंदरखाने गुटबाजी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है| अनुशानहीनता पर कड़ी चेतावनी देने के बावजूद गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है| ग्वालियर में जिले के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार के सामने आज हंगामा हो गया। वे कांग्रेस कार्यालय में बैठक लेने गए थे। बताया जा रहा है कि एक कार्यकर्ता द्वारा दूसरे कार्यकर्ता को भाजपा का दलाल कहने पर हंगामा हो गया। हंगामे के चलते प्रभारी मंत्री बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए।
कांग्रेस में गुटबाजी कितनी चरम पर है इसका उदाहरण एक बार फिर ग्वालियर में देखने को मिल गया । जिले के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार आज ग्वालियर पहुंचे। वे शिंदे की छावनी स्थित कार्यकर्ताओं की बैठक लेने और मुलाक़ात करने पहुंचे। बैठक की शुरुआत सामान्य रूप में हुई, थोड़ी देर बाद ब्लॉक अध्यक्ष प्रमोद पांडे बोलने के लिए खड़े हुए। बताया जा रहा है कि भाषण के दौरान वहां मौजूद पिंकी पंडित नामक एक अन्य कार्यकर्ता ने उन्हें भाजपा का दलाल कहते हुए अपशब्द कहे । इतना ही नहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भी अपशब्द कह दिए। इतना सुनते ही सिंधिया समर्थक कार्यकर्ता भड़क गए और इसका विरोध करने लगे। थोड़ी ही देर में बैठक हंगामे में बदल गई।
इस विवाद के दौरान कार्यालय में जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। इसे देखकर प्रभारी मंत्री ने जिला अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा से नाराजगी भी जताई। हंगामा बढ़ते देख बैठक में मौजूद पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, विधायक प्रवीण पाठक सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री को भीड़ से निकाला और फिर अध्यक्ष के कक्ष में ले गए। बाद में उन्होंने एक एक कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर इस मामले पर नाराजी जताई और समझाइश दी। हंगामे के बाद कार्यकर्ता दबी जुबान से ये कहते भी सुने गए कि एक विधायक के इशारे पर ये सबकुछ हुआ है। बहरहाल एक कार्यकर्ता द्वारा दूसरे कार्यकर्ता को इस तरह प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में भाजपा का दलाल कहना साफ दर्शाता है कि कांग्रेस के अंदरखाने में कितनी एकता है। ऐसा तब हो रहा है जब हाल ही में संगठन पदाधिकारी, मंत्री विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में प्रभारी दीपक बावरिया ने अनुशासनहीनता पर कड़ी चेतावनी दी थी, इसके बावजूद गुटबाजी पर नियंत्रण करना बड़े के लिए असंभव हो रहा है|