प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोले- मेरी सरकार में NPAनहीं उसका ब्याज बढ़ा है

नई दिल्ली                
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में गुरुवार को कांग्रेस और यूपीए सरकार को जमकर निशाने पर लिया. पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि जो देश का पैसा लेकर भाग गए हैं वो आज रो रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के कार्यकाल में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं बढ़ा है बल्कि उसका ब्याज बढ़ा है. पीएम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद दे रहे थे.  

पीएम ने दावा किया कि पहले जो कल्चर था कि नामदार को एक फोन पर लोन दे दिए जाते थे. इसके बाद उसे कोई पूछने वाला नहीं होता था कि वह लोन वापस आया या नहीं. पीएम ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद 2008 तक 18 लाख करोड़ का कर्ज दिया. लेकिन सत्ता भोग की जो नीति रही उसमें यह देखा ही नहीं गया कि पैसे कहां जा रहे हैं. पीएम ने यह भी बताया कि 2008 से 2014 तक कुल 6 वर्षों में यह 52 लाख करोड़ हो गया. यह फोन बैंकिंग से हुआ लोगों के पैसे को लूटा जा रहा था. यह पता ही नहीं चल पा रहा था कि पैसे कहां चले गए.

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने ऐसा कानून बनाए हैं कि जो लोग पैसे लेकर भाग गए वह आज रो रहे हैं. उन्होंने विजय माल्या का नाम लिए बिना कहा कि ऐसे लोग ट्विटर पर रो रहे हैं कि मैं 9000 करोड़ लेकर भागा था लेकिन सरकार ने 13000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली. वो ट्विटर पर कहते हैं कि सुबह जब सोकर उठता हूं तो देखता हूं कि फलां संपत्ति जब्त हो गई. पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने ऐसे कानून बनाए हैं कि बैंकों का पैसा लेकर भागने वाला बच नहीं सकता. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आपने लूटने वाले को लूटने दिया लेकिन हमने उन्हें वापस लाने की कोशिश की.

पीएम मोदी ने कांग्रेस के 55 साल के कांग्रेस की तुलना बीजेपी के 55 महीने के कार्यकाल से की. उन्होंने दावा किया कि 2014 से पहले 25 लाख घर बने थे. 55 महीने में 1 करोड़ 30 लाख लोगों को घर की चाभी दी है वह भी सुविधाओं के साथ. उन्होंने दावा किया कि पैसे गरीबों के खाते में सीधे जा रहे हैं विचौलियों को खत्म कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने सिर्फ 55 गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाए हैं. 55 महीने में बीजेपी की सरकार ने 1 लाख 16 हजार गांवों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाए हैं. उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर हमला करते हुए कविता भी पढ़ी..

जब कभी झूठ की बस्ती में सच को तड़पते देखा है

तब मैंने अपने भीतर किसी बच्चे को सिसकते देखा है

उन्होंने कहा कि  

अपने घर की चारदीवारी में अब लिहाफ में भी सिहरन होती है

जिस दिन से किसी को गुरबत में सड़कों पर ठिठुरते देखा है

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