प्रधानमंत्री अवार्ड के लिए चयनित हुई रीवा सौर परियोजना

 भोपाल

विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक मध्यप्रदेश रीवा सौर परियोजना को वर्ष 2019-20 में राज्य स्तर पर नवाचार के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में चयनित किया गया है। परितोषिक की घोषणा ‘सिविल सर्विस डे’ पर नई दिल्ली में की जाएगी। परियोजना में तीन जनवरी 2020 से पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन प्रारंभ हो गया है। प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्र के लिए इस परियोजना ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व बैंक जैसे संस्थान द्वारा भी इसे वैश्विक पटल पर मान्यता दी गई है।

परियोजना से तत्कालीन समय का न्यूनतम टैरिफ रू 2.97/ यूनिट प्राप्त हुआ, जो अपनी समकालीन परियोजनाओं से प्राप्त टैरिफ रू 4.50- 5.0/ यूनिट की तुलना में रू 1.5 से 2.0 तक कम था। इस टैरिफ़ को प्राप्त करने के लिए भी NTPC और SECI जैसे संस्थानों द्वारा Viability Gap Funding का सहारा लिया जाता था। यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइट सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक है। कुल 750 MW क्षमता की रीवा सौर परियोजना, मध्य प्रदेश के रीवा जिले में, 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। परियोजना से उत्पादित विद्युत का 76% अंश प्रदेश की पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी को व 24% दिल्ली मेट्रो को प्रदाय किया जा रहा है। इसकी कई विशेषताओं को नवीन एवम नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने सौर पार्कों के लिए मानक परियोजना गाइड्लाइंस में भी शामिल किया गया है।

रीवा सौर परियोजना ऐसी प्रथम सौर परियोजना है जिससे प्राप्त विद्युत, तापीय ऊर्जा से प्राप्त विद्युत से सस्ती है। इस परियोजना से पहली बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान ‘दिल्ली मेट्रो’ को बिजली प्रदान की गई। आंतरिक ग्रिड समायोजन के लिए वर्ल्ड बैंक और सीटीएफ ऋण प्राप्त करने वाली यह देश की प्रथम परियोजना है, जिसे विश्व बैंक द्वारा राज्य शासन की गारंटी के बिना ऋण मिला है।

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