प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक बिजनौर लोकसभा सीट

 
बिजनौर

बिजनौर लोकसभा सीट प्रदेश के सबसे हॉट सीटों में से एक मानी जाती है। यहां मायावती से लेकर रामविलास पासवान और जयाप्रदा तक चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। मेरठ, नगीना, मुजफ्फरनगर जैसे शहरों से जुड़ी इस सीट पर शुरुआत में कांग्रेस का दबदबा था। 1952 में देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 1971 तक ये सीट कांग्रेस के पास थी। फिर इमरजेंसी के दौर के बाद कांग्रेस का इस सीट से सूपड़ा साफ हो गया।

1977 और 1980 में इस सीट पर जनता दल ने जीत हासिल की, लेकिन 1984 में कांग्रेस के गिरधारी लाल और 1985 के उपचुनाव में पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार यहां से सांसद बनी। इस चुनाव में उनके खिलाफ रामविलास पासवान और मायावती मैदान में थे। हालांकि 1989 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस सीट से जीत हासिल की। इसके बाद इस सीट पर कुल 7 उपचुनाव हुए, जिनमें 4 बार बीजेपी, 2 बार आरएलडी और  1 बार सपा ने जीत हासिल की।

बिजनौर लोकसभा सूट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। आइए आपको बताते हैं कि किस जिले की कौन सी विधानसभा सीटें इस लोकसभा के अंतर्गत आती हैं।

जिला     विधानसभा
बिजनौर    पुरकाजी और चांदपुर
मेरठ    हस्तिनापुर
मुजफ्फरनगर    मीरापुर और बिजनौर

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पुरकाजी, मीरापुर, बिजनौर, चांदपुर और हस्तिनापुर की सीटें बीजेपी के खाते में गई थी। या ये भी कह सकते हैं कि बीजेपी ने विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया था।
२०१९ में होने वाले लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट पर 16 लाख 51 हज़ार 105 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 87 हजार 589, महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 63 हजार 432 और ट्रांस जेंडर के कुल 84 मतदाता हैं।

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र ने समाजवादी पार्टी के नेता शहनवाज राणा को हराकर इस सीट से जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 4 लाख 86 हजार 913 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर रहे शाहनवाज राणा को 2 लाख 81 हजार 139 वोट मिले थे। वहीं 2 लाख 30 हजार 124 वोट हासिल कर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मलूक नागर तीसरे नंबर पर रहे थे।

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में आरएलडी से संजय सिंह चौहान इस सीट से सांसद बने। संजय ने बसपा प्रत्याशी शाहिद सिद्दकी को हराया था। कांग्रेस उम्मीदवार सैदुज्जमा को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा।
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी यह सीट आरएलडी के खाते में थी। इस सीट से आरएलडी के मुंशीराम पाल ने बसपा प्रत्याशी घनश्याम चंद खरवाल को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था, जबकी बीजेपी प्रत्याशी शीशराम रवि को तीसरे नंबर पर रहना पड़ा था।

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