प्रदूषण पर बहस के दौरान किसानों के पक्ष में नजर आए ज्यादातर लोकसभा सांसद

 
नई दिल्ली

जहां एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण को लेकर चारों तरफ गंभीर चर्चा है, वहीं संसद में सासंद प्रदूषण से इतर किसानों के पक्ष में नजर आ रहे हैं। सांसदों का कहना है कि पराली जलाने के मामले में किसानों को अपमानित किया जा रहा है। सासंदों ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार से आर्थिक मदद देने की मांग की है। बता दें कि पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पंजाब और हरियाणा की सरकार को फटकार लगा चुका है।
 पंजाब से आने वाले सांसदों का कहना है कि राज्य के पास किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं है। सोशल मीडिया पर प्रदूषण को लेकर काफी अभियान चल रहे हैं और दिल्ली-एनसीआर में लोगों को इससे होने वाली परेशानी किसी से छिपी नहीं है। कुछ सदस्यों का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार को भी चीन जैसे उपाय करने चाहिए। चीन ने राजधानी पेइचिंग में प्रदूषण कम करने के लिए काफी सख्त कदम उठाए थे।

जिस समय सदन में इस पर चर्चा हो रही थी, उस समय सांसदों की मौजूदगी काफी कम थी, यहां तक कि दिल्ली के ही कुछ सांसद वहां मौजूद नहीं थे। हालांकि पिछले दिनों प्रदूषण के मामले पर संसदीय पैनल की मीटिंग में गैर-हाजिर होकर आलोचना झेलने वाले गौतम गंभीर वहां मौजूद थे।

बीजेपी के कुछ सांसदों ने दिल्ली में प्रदूषण के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी के प्रवेश सिंह ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि खराब ट्रांसपोर्ट और औद्योगिक पॉलिसी के कारण यह स्थिति हुई है।

बहस के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि वाहनों के उत्सर्जन का प्रदूषण में सबसे ज्यादा 41 प्रतिशत योगदान है। पराली जलाना कई कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं गंभीर हैं, लेकिन किसानों की बदहाली को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन दिनों दिल्ली पूरी तरह प्रदूषित हो जाती है और लोगों को जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ती है।
 वहीं बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि पराली कई अन्य उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण में कमी भी आएगी। उन्होंने कहा सरकार को इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
 

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