प्रतिदिन टेस्ट क्षमता तीन लाख की गई, देश में COVID-19 से 10,000 से अधिक मौत

 
नई दिल्ली

भारत में मंगलवार को COVID-19 से मरने वालों की संख्या 10,000 पार कर गई और केंद्र ने रोजाना टेस्ट क्षमता बढ़ाकर तीन लाख कर दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में लगातार पांचवे दिन 10,000 से अधिक नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,43,091 हो गए जबकि 380 और लोगों की मौत हो गई जिससे कुल आंकड़ा 10,057 पर पहुंच गया। दुनियाभर में इस बीमारी से अबतक 437,283 लेागों की मौत हुई है और इस लिहाज से भारत आठवें नंबर पर है।

 बिना लक्षण वाले लोगों का भी टेस्ट
मंत्रालय ने बताया कि COVID-19 का पता लगाने के लिए जांच क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है और अब प्रतिदिन तीन लाख नमूनों की जांच की जा सकती है क्योंकि विशेषज्ञों और चिकित्साविज्ञानियों ने चिह्नित रेड जोन और हॉटस्पॉट में सभी गैर लक्षण वालों का भी टेस्ट कराने पर जोर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि अभी तक देश में 907 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार किया गया है जिनमें 659 प्रयोगशालाएं सरकारी क्षेत्र की और 248 निजी क्षेत्र की हैं।

 कोरोना जून में कैसे बढ़ा जरा सरकारी आंकड़ा देखिए। मई के 31 दिनों में कोरोना के कुल 1 लाख 50 हजार 195 केस सामने आए। वहीं जून में यह रेकॉर्ड सिर्फ 15 ही दिनों में टूट गया। 1 से 15 जून के बीच देश में कोरोना के कुल 1 लाख 57 हजार 908 केस सामने आए चुके हैं। अब 16 जून को नए 10 हजार 667 केस आने के कुल केस 3,34,091 तक पहुंच गए हैं।

​मौत के आंकड़े भी होंगे डबल?
कोरोना वायरस महामारी के बीच अबतक राहत की बात यही है कि संक्रमण की मृत्युदर भारत में बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन मई और जून के आंकड़े यहां भी डरा रहे हैं। सिर्फ 15 ही दिनों में कोरोना से 4510 लोगों ने जान गंवा दी है। वहीं पूरे मई में सिर्फ 4267 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। अबतक कोरोना से कुल 9 हजार 900 लोगों ने जान गंवाई।

ठीक होनेवाले लोगों ने दी राहत
कोरोना के केस भले बढ़ रहे हैं लेकिन जून में ठीक होनेवाले मामले भी तेजी से बढ़े हैं। मई जितने केस आधे जून में ही आ गए हैं तो मई से ज्यादा लोग आधे जून में ठीक भी हुए हैं। पूरे मई में जहां 82 हजार के करीब लोग ठीक हुए वहीं जून के 15 ही दिनों में 88 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना से अबतक कुल 1,80,013 लोग बाहर आ चुके हैं।

करीब 60 लाख सैंपल्स की जांच
बताया गया है कि आरटी-पीसीआर COVID-19 का पता लगाने के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड जांच है। आईसीएमआर के अनुसार अभी तक COVID-19 के लिए 59 लाख 21 हजार 69 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें एक लाख 54 हजार 935 नमूनों की जांच सोमवार को की गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में जांच क्षमता बढ़ाने के लिए सभी 11 जिलों में अब केवल संबंधित जिलों के नमूनों की ही जांच के लिए निर्दिष्ट प्रयोगशाला होगी। दिल्ली में फिलहाल 42 प्रयोगशालाएं है जिनकी टेस्ट क्षमता रोजाना करीब 17000 है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *