प्रणव मुखर्जी, भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख को भारत रत्न

नई दिल्ली            
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन नामचीन हस्तियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल हैं. इनके अलावा डॉ. भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जा रहा है. बता दें, भारत रत्न, देश का वो सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है.

सम्मान की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से फोन पर बातचीत की. प्रणब दा ने ट्वीट में लिखा, भारत के लोगों के प्रति विनम्रता और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मैं इस महान सम्मान को स्वीकार करता हूं. देशवासियों ने मुझे शुभकामनाएं दीं. मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं, कि मैंने अपने महान देश के लोगों से जितना मुझे दिया है, उससे अधिक मुझे मिला है।

कौन हैं प्रणब मुखर्जी
कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. अपने पांच दशकों के राजनीतिक जीवन में वह कई अहम पदों पर रहे. यूपीए सरकार में वह रक्षा, विदेश और वित्त मंत्री भी थे.

कौन हैं नानाजी देशमुख

चंडिकादास अमृतराव देशमुख को नानाजी देशमुख के नाम से भी जाना जाता है. नानाजी देशमुख भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में काम किया. भारत रत्न से पहले उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

कौन हैं भूपेन हजारिका

भूपेन हजारिका, असम के गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर असम और पूर्वोत्तर भारत के संस्कृति और लोक संगीत को हिंदी सिनेमा के माध्यम से पेश किया था. हजारिका को 1975 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), पद्मश्री (1977), और पद्मभूषण (2001) मिला था.

पीएम मोदी ने की तारीफ

इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों नामचीन हस्तियों की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी. मोदी ने कहा कि प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है. भूपेन हजारिका के गीत और संगीत पीढ़ियों से लोगों द्वारा सराहे जाते हैं. उनसे न्याय, सौहार्द और भाईचारे का संदेश जाता है. ग्रामीण विकास के लिए नानाजी देशमुख के महत्वपूर्ण योगदान ने हमारे गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने के एक नए प्रतिमान की राह दिखाई.

इन लोगों को मिल चुका है भारत रत्न

इससे पहले 2015 में मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था. अब तक सी राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चन्द्रशेखर वेंकटरमन, भगवान दास, एम विश्वेश्वरैया, जवाहर लाल नेहरू, गोविन्द बल्लभ पन्त, धोंडो केशव कर्वे, बिधान चंद्र रॉय, पुरुषोत्तम दास टंडन, राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, पांडुरंग वामन काणे, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, वीवी गिरि, के. कामराज, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान, एम जी रामचन्द्रन, बी आर अम्बेडकर, नेल्सन मंडेला, राजीव गांधी, वल्लभ भाई पटेल, मोरारजी देसाई, अबुल कलाम आजाद, जे आर डी टाटा, सत्यजित राय, गुलजारी लाल नंदा, अरुणा आसफ अली, ए पी जे अब्दुल कलाम, एम एस सुब्बुलक्ष्मी, चिदम्बरम सुब्रमण्यम, जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, गोपीनाथ बोरदोलोई, रवि शंकर, लता मंगेशकर, बिस्मिल्लाह खान, भीमसेन जोशी, सी एन आर राव, सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिया गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *