प्रज्ञा ठाकुर के मुद्दे पर आज विचार कर सकती है लोकसभा की एथिक्स कमिटी

 नई दिल्ली
लोकसभा की एथिक्स कमिटी सोमवार को प्रज्ञा ठाकुर के मुद्दे पर विचार कर सकती है। मौजूदा लोकसभा में एथिक्स कमिटी की सोमवार को दूसरी मीटिंग होगी। इसमें सांसदों के आचरण की संहिता पर चर्चा की जाएगी। कमिटी को 2015 में लोकसभा सांसदों के लिए आचार संहिता बनाने और बाद में इसमें बदलाव के सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गई थी।
 
बीजेपी सांसद लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली पिछली एथिक्स कमिटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था और 17वीं लोकसभा में नई कमिटी बनाई गई थी। इस कमिटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद सोनकर हैं। सोनकर ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'सांसदों के आचरण की संहिता बनाने पर यह पहली मीटिंग होगी।'
 
बीएसपी सांसद और कमिटी के सदस्य कुंवर दानिश अली ने कहा, 'यह कमिटी सांसदों के आचरण पर विचार करती है और निश्चित तौर पर हाल के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।' कुछ अन्य सांसदों ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि मीटिंग के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का मुद्दा उठना तय है।

प्रज्ञा ने गोडसे को बताया था देशभक्त
ठाकुर ने अपनी टिप्पणियों के लिए शुक्रवार को सदन में माफी मांगी थी। दरअसल, एनएसजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान जब डीएमके सांसद ए. राजा लोकसभा में बोल रहे थे तो ठाकुर ने उन्हें टोकते हुए बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। हालांकि, प्रज्ञा ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणी गोडसे के लिए नहीं, बल्कि जनरल डायर को मारने वाले शहीद उधम सिंह को लेकर थी। विपक्ष के कड़े तेवरों के बाद आखिरकार प्रज्ञा को बयान के लिए सदन में एक नहीं बल्कि दो बार माफी मांगनी पड़ी।

विपक्षी दल चाहते हैं कि यह मामला एथिक्स कमिटी में उठाया जाए। बीजेपी के साथ गठबंधन में सहयोगी जेडी (यू) के नेता के सी त्यागी ने भी मामले को एथिक्स कमिटी के पास भेजने की मांग उठाई है।

एथिक्स कमिटी में आजम खान की टिप्पणी का मुद्दा भी उठ सकता है
कमिटी के एक सदस्य ने बताया कि कमिटी किसी मुद्दे पर खुद विचार नहीं करती और यह केवल सांसदों की शिकायत पर आधारित मामलों पर चर्चा करती है। कांग्रेस, सीपीआई (एम), बीएसपी और अन्य दल इस मुद्दे को औपचारिक तौर पर उठाने की योजना बना रहे हैं। कुछ सांसदों ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की ओर से बीजेपी सांसद रमा देवी पर पिछले सत्र में की गई टिप्पणी का मुद्दा भी कमिटी में उठाने का सुझाव दिया है।
 

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