पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना के संक्रमण से बचाएगा मोबाइल रोबोट, मरीज काे दवा और खाना पहुंचाएगा

ग्वालियर
कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में जुटे डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ अब खुद इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए गृह मंत्रालय मोबाइल रोबोट तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसकी शुरुआत ग्रेटर नोएडा स्थित आईटीबीपी के 200 बिस्तर वाले रैफरल हाॅस्पिटल से होगी। गुरुग्राम की द हाईटेक रोबोटिक्स कंपनी ने तीन मोबाइल रोबोट तैयार किए हैं। यह रोबोट मरीजों के लिए तैयार किए गए आईसोलेशन वार्ड में दवा व खाना देने जैसे जरूरी काम करने में स्टाफ की मदद करेंगे। मोबाइल रोबोट इंस्टाल करने का जिम्मा ग्वालियर के अपूर्व त्रिपाठी को दिया गया है। उनके मार्गदर्शन में तीन मोबाइल रोबोट इसी सप्ताह रैफरल हाॅस्पिटल में इंस्टाल किए जाएंगे। यहां बता दें कि गोविंदपुरी निवासी अपूर्व ने नागपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की है और 2010 से इस कंपनी में कार्य कर रहे हैं।

मोबाइल रोबोट (एमआर) को लेजर गाइडेड तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है। जिस भी साइट पर राेबाेट को इंस्टाल करना होता है, वहां का नक्शा उसके प्रोग्राम में सेट कर दिया जाता है। जरूरत और काम के प्रकार के अनुसार प्रोग्रामिंग की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि राेबाेट को बेड नंबर 5 व 6 के मरीज को दवा देना है तो उसे किस दिशा में जाना होगा, कुल कितनी दूरी तय करना पड़ेगी। ऐसे तमाम सारे फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए उसकी प्रोग्रामिंग की जाती है। यदि काम के दौरान कोई व्यक्ति माेबाइल राेबाेट के सामने आ जाएगा तो उस स्थिति में उससे बजर बजने लगेगा। थोड़ी देर प्रतीक्षा करने के बाद भी यदि व्यक्ति नहीं हटता है तो राेबाेट दूसरे सबसे उपयुक्त मार्ग को चुनकर अपने गंतव्य स्थान की ओर रवाना हो जाएगा।

प्रोजेक्ट के बारे में अपूर्व ने बताया, चीन में भी ऐसे रोबोट के उपयोग की जानकारी मिली। हमारे पास पहले से ही मोबाइल रोबोट की तकनीक तैयार थी। हमे लगा कि देश की सेवा में योगदान देने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता क्योंकि यह मोबाइल रोबोट स्टाफ को संक्रमण से बचाने में खासे मददगार साबित होंगे। कंपनी के सीईओ अनुज कपूरिया, उन्होंने व अन्य अधिकारियों ने इस विषय पर चर्चा की और फिर यह निर्णय लिया गया कि मोबाइल रोबोट में जरूरी बदलाव के बाद इसे गृह मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस सप्ताह के अंत तक काम पूरा कर लिया जाएगा।’ 

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