पैथालॉजिस्ट को गलत ठहराना सही नहीं है -मंत्री डॉ. हर्षवर्धन
नई दिल्ली
दिल्ली में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. दो दिन पहले आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर ये आरोप जड़ दिया कि वो टेस्ट में न सिर्फ देरी कर रहे हैं, बल्कि उनकी टेस्ट रिपोर्ट भी गलत है.
इसको लेकर अभी मामला गरमा ही रहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक अहम मीटिंग में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को जमकर सुनाया.
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाईलेवल मीटिंग दिल्ली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुलाई थी. जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव विजय देव के साथ ही साथ दिल्ली के सभी 11 जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे.
इसी दौरान दिल्ली में टेस्टिंग को लेकर जब सत्येंद्र जैन ने कुछ कहना चाहा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने उन्हें बीच में ही टोक दिया. चूंकि RML अस्पताल की टेस्टिंग को लेकर विवाद ताज़ा था इसलिए हर्षवर्धन ने इस मसले पर बोलना शुरू किया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में पैथालॉजिस्ट को गलत ठहराना सही नहीं है, वो पेशेवर तरीके से अपना काम कर रहे हैं और किसी भी निगेटिव को पॉजिटिव या पॉजिटिव को निगेटिव नहीं कर रहे. हम उनपर सवाल नहीं खड़ा कर सकते. हर्षवर्धन यहीं नहीं रुके बल्कि ये तक कहा कि हमने लैब की क्षमता बढ़ाई है और कई लैब ऐसे हैं जहां दिल्ली सरकार अभी तक टेस्ट सैंपल तक नहीं भेज रही है.
इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से बात करते हुए आरएमएल अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि इस अस्पताल में कई लोगों की मौत भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर ही हो गई.
इसलिए जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आना सुनिश्चित होना चाहिए. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि जिन लोगों के टेस्ट आरएमएल अस्पताल ने किए उनमें से लगभग 40 फीसदी मरीज री-टेस्ट में निगेटिव आ गए.
गौरतलब है कि डॉ हर्षवर्धन दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से ही सांसद हैं. सत्येंद्र जैन भी उसी लोकसभा क्षेत्र की एक विधानसभा शकूर बस्ती से विधायक हैं. हर्षवर्धन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ ही दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. यानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच आने वाले दिनों में तल्खी और बढ़ सकती है.