पेसर्स ही नहीं स्पिनर्स के लिए भी मददगार है लार: कुलदीप यादव

 नई दिल्ली
 कोरोनावायरस के चलते खेल गतिविधियां भी रुकी सी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने खेल के दोबारा शुरू होने पर भी उसमें कुछ बदलाव के निर्देश दिए हैं। आईसीसी का कहना है कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग बंद करना होगा। हालांकि यह अस्थायी विकल्प है लेकिन इसे लेकर क्रिकेट जगत में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
 
टीम इंडिया के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव मैदान पर प्रैक्टिस करने लौट आए हैं। कानपुर के रहने वाले कुलदीप के साथ उनके कोच कपिल यादव भी हैं। कोरोना वायरस के चलते खेल गतिविधियां काफी समय से बंद हैं ऐसे में खिलाड़ियों के लिए शारीरिक रूप से खुद को फिट रख पाना एक चुनौती है। कुलदीप इस वीडियो में बास्केटबॉल गेंद को जमीन पर पटक रहे हैं। इससे वह वॉर्म-अप एक्सरसाइज कर रहे हैं ताकि इतने महीनों बाद शरीर को खेल के लिए तैयार किया जा सके। अब जब धीरे-धीरे खेल गतिविधियां शुरू करने की तैयारी चल रही है ऐसे में क्रिकेटर्स खुद इसका हिस्सा बन गए हैं। गौरतलब है कि लॉकडाउन 4.0 में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खोलने की इजाजत दे दी गई है हालांकि दर्शक अंदर नहीं जा सकेंगे।

यादव बोले, लार बिना तो स्पिनर्स भी 'बेकार'
 इसका सबसे ज्यादा असर तेज गेंदबाजों पर पड़ने की बात कही जा रही है लेकिन स्पिनर्स भी इससे अछूते हैं। टीम इंडिया के चाइनामैन कुलदीप यादव का मानना है कि स्पिनर्स के लिए भी गेंद को चमकाना बहुत जरूरी है।

बल्लेबाजों के लिए हो जाएगी आसानी
 यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि गेंद को चमकाना सिर्फ पेसर्स के लिए जरूरी है स्पिनर्स के लिए भी यह उतनी ही अहम है। उन्होंने कहा कि अगर गेंद में चमक नहीं होगी तो वह हवा में नहीं घूमेगी। ऐसे में बल्लेबाज के लिए खेलना आसान हो जाएगा। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार वायरस का प्रभाव खत्म होने के बाद क्रिकेट अपने पुराने रूप में लौट आएगा।

लार से गेंद में आती है वैरिएशन
 यादव ने कहा कि कोरोना की मुसीबत हमेशा रहने वाली नहीं है। कुलदीप खुद कानपुर में प्रैक्टिस करते समय गेंद पर लार का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका मानना है कि लार से गेंद में ड्रिफ्ट आती है।

आदत बदलनी होगी
 एक हिन्दी दैनिक को दिए इंटरव्यू में कहा कि लार का इस्तेमाल बंद करने से गेंदबाजों को काफी असर पड़ने वाला है। उनका मानना है कि इससे उबरने में काफी वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों को आदत होती है जीभ से स्लाइवा लेकर गेंद चमकाने की। इस आदत को बदलना बहुत मुश्किल होगा।

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