पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने कहां की आज में उदास हूँ
पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के अंतिम दिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने कथा स्थल पर उदबोधन में कहां की आज हम सब उदास है क्योंकि आज 12 बजे से आप को छिन्दवाड़ा में सुन नही पायेग इस के आगे उन्होंने कहां की
विश्व का कोई ऐसा देश नही जहां पर इतने धर्म हो या जातिया हो और कोई ऐसा देश नही जिसमें इतनी भाषा हो और ऐसा कोई देश नही जहां इतने देवी देवता हो और ऐसा कोई देश नही जहां इतने त्यौहार हो भारत इन सभी कारणों से सामाजिक मूल्यों पर टिका हुआ है और यही सामाजिक मूल्य आप को यहाँ खींचकर यहां लाई हमारी देश की संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है दिल जोड़ते है सम्बन्ध जोड़ते है रिश्ता जोड़ते है आप ने देखा होगा की आप के गॉंव में कितनी जातियां है फिर भी भारत एक झंडे के नीचे खड़ा है तो वह यहां की संस्कृति के कारण खड़ा है
आप सब संस्कृति के रक्षक है ।