पुलिस विभाग में बदलाव के बावजूद रायपुर में कम नहीं हो रहा क्राइम
रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराधी बेखौफ हो गए है जो सराफा कारोबारी पर गोली चलाकर 20 लाख रुपए से अधिक के जेवरात और नगद लूटकर आसानी से शहर से फरार हो जाते है. 1 फरवरी को रात साढ़े आठ बजे से 9 बजे के बीच में सराफा कारोबारी जसराज सोनी और उनके बेटे से 3 बाइक सवारों ने रुपए और गहनों से भरे बैग को लूटने का प्रयास किया. इसी दौरान जसराज और उनके बेटे पर गोलियां भी चलाई. इस मामले को एक महीने से भी ज्यादा समय हो गया बावजूद इसके आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर है.
इसी तरह ढ़ाई साल पहले भी टिकरापारा थाना क्षेत्र में सराफा कारोबारी पंकज बोथरा को ज्वेलरी शाप से निकलने के बाद घर पहुंचने से पहले गोली मारी गई थी और लूट की घटना को अंजाम दिया गया था. पंकज बोथरा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर कई बार जांच टीम बनाने के बावजूद पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है. मंत्री शिव डहरिया की माताजी की 3 साल पहले छछानपैरी स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई थी इस मामले को भी पुलिस आज तक नहीं सुलझा पाई है. हालांकि नए आए पुलिस कप्तान आरिफ शेख का कहना है कि इन सभी बड़े मामलों की गहनता से जांच की जा रही है. जल्द पुलिस को सफलता मिलेगी.
रायपुर में बढ़ते अपराधों को रोकना पुलिस के लिए भारी चुनौती है लेकिन आए दिन पुलिस विभाग में हो रहे बदलाव इन चुनौतियों को कम करने के बजाय उल्टे बढ़ा दे रहे है. ऐसे में सरकार के लिए भी जरुरी है कि रायपुर में स्थायी पुलिसिंग की व्यवस्था करे.