पीड़ितों और एसएसबी के डीजी की जुबानी, भारत-नेपाल सीमा पर फायरिंग की कहानी
नई दिल्ली
सीतामढ़ी में सोनबरसा के जानकीनगर लालबंदी भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार की सुबह ङुई फायरिंग को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। झड़प बढ़ने पर नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) की फायरिंग में एक भारतीय की मौत हो गई थी और चार गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इनमें तीन का इलाज सीतामढ़ी के निजी अस्पताल में हो रहा है, जबकि एक को नेपाल पुलिस अपने साथ लेकर चली गई। नेपाल पुलिस का कहना है कि जब भीड़ में शामिल कुछ लोग उनका हथियार छीनने लगे तब गोली चलानी पड़ी, हालांकि ग्रामीण इस बात से इनकार कर रहे हैं। सोनबरसा पुलिस के मुताबिक मृत व्यक्ति की पहचान लालबंदी जानकीनगर के विकेश यादव के रूप में की गई है। घायलों में सोहरवा के उदय शर्मा,जानकी नगर के उमेश राम ओर लगन यादव तथा एक अन्य शामिल हैं। इसमें लगन को नेपाल पुलिस अपने साथ लेकर चली गई थी, लेकिन दबाव बढ़ने के बाद उसे शनिवार को छोड़ दिया गया। घायल उमेश राम ने पुलिस को बताया कि लगन यादव के बेटे की शादी नेपाल के गुलरिया गांव में है। लगन की समधन अपनी बेटी से मिलने के लिए भारतीय क्षेत्र में आ रही थी, लेकिन नेपाल पुलिस ने उसे नेपाल क्षेत्र में ही रोक दिया। सूचना पर लगन सहित कई ग्रामीण वहां पहुंचे और नेपाल पुलिस से उसे बेटी से मिलने देने का आग्रह करने लगे। बात बढ़ने पर नेपाल पुलिस लाठीचार्ज करने लगी। थोड़ी देर बाद काफी संख्या में ग्रामीण सीमा पर जमा हो गए। इसके बाद नेपाल पुलिस ने हवाई फायरिंग करते हुए भीड़ को खदेड़ दिया। उमेश का आरोप था कि नेपाल पुलिस ने अंदर आकर हमलोगों पर फायरिंग की, जिसमें पांच लोग जख्मी हो गए।
भारतीय सीमा से उठाकर ले गए: लगन
लगन किशोर ने बताया कि कैसे नेपाल के शस्त्र बल के लोग उसे पीटते हुए लेकर गए। उसने बताया, “सीमा पर जवानों ने हवाई फायरिंग की। हम सब वहां से भागने लगे। वे मुझे भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गए। संग्रामपुर ले जाकर यह बुलवाने की कोशिश भी की कि मुझे नेपाल सीमा से ही उठाया गया है। पुलिस ने मेरे साथ मारपीट की और पूछने लगी कि सच बताओ तुम्हें नेपाल से पकड़ा गया है या भारत से। मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है।” सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीजी कुमार राजेश चंद्र ने बताया कि नेपाल पुलिस ने लगन यादव के रिश्तेदारों को 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते वहां से जाने के लिए कहा था और दोनों पक्षों में इस बात को लेकर बहस हो गई। उनेक मुताबिक, इसके बाद लोगों ने मोबाइल से फोन करके अपने गांव वालों को बुला लिया। राजेश चंद्र ने कहा,"दोनों पक्षों में झड़प हुई और एपीएफ ने 15 राउंड फायरिंग की, जिसमें 3 लोग घायल हुए। एक आदमी लगन यादव को एपीएफ ने पकड़ लिया और घायलों में से एक का निधन निजी अस्पताल में हुआ।” एपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि शोर सुनकर भारतीय क्षेत्र से 75-80 लोग मौके पर जुट गए। उन्होंने पहले हवाई फायरिंग की और फिर हथियार छिन जाने के डर से उन्होंने भीड़ पर गोली चलाई।