पीएफ खातों से ब्याज नदारद, मिस्ड कॉल सेवा फेल

 कानपुर
 
ईपीएफओ भले ही ऑनलाइन सिस्टम को अपडेट कर रहा हो पर अंशधारकों के पीएफ खातों में ब्याज नहीं जुड़ रहा है। अंशधारकों को मिलने वाली ऑनलाइन सुविधाएं ध्वस्त हो गई हैं। पीएफ अंशधारकों के खातों में डेढ़ साल से न तो हर महीने का ब्याज जुड़कर उसका ब्योरा दर्ज हो रहा है और न ही कुल जमा रकम की सही तस्वीर अंशधारकों को मिल रही है। केवाईसी लिंक कराने में अंशधारकों को खातों में हो रही गलतियों से भी जूझना पड़ रहा है। अंशधारकों को एक साल से लेखा पर्ची तक नहीं मिली है। साथ ही अंशदान जमा होने की सूचना मोबाइल पर यदा कदा ही मिल रही है। मिस्ड कॉल करने के बावजूद खाते पर जमा धनराशि का ब्योरा भी नहीं मिल रहा है। एसएमएस सेवा भी बाधित चल रही है। 

ईपीएफओ में सारे सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अभी भी काम अधूरा है। अधूरे काम का नुकसान अंशधारकों को हो रहा है। उन्हें हर महीने ब्याज के साथ साल में कुल रकम का ब्योरा भी सही नहीं मिल रहा है। मार्च से पहले अंशधारकों को जो जमा रकम बताई जा रही थी वह अंशधान जमा होने के बाद भी उतनी ही मिल रही है। पुराना ब्योरा भी ऑनलाइन स्पष्ट नहीं मिल रहा है। 

ईपीएफओ ने भले ही केवाईसी हर खाते में जरूरी कर दिया है लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत अंशधारकों को यह हो गई है कि ईपीएफओ में पहले उनका जो ब्योरा दर्ज था, बाद में आधार कार्ड, मोबाइल और बैंक खाता के दर्ज करते ही उसमें तमाम सारी गलतियां हो रही हैं। आधार में पिता या जन्म तिथि पहले दर्ज खाते से भिन्न है तो उसे ठीक कराने के लिए अंशधारकों को भाग-दौड़ करनी पड़ रही है क्योंकि ईपीएफओ एक साल उन्हें ठीक करने से पीछे हट रहा है। ऐसे में अंशधारकों को आधार में सुधार कराने के लिए भागना पड़ रहा है। 

ईपीएफओ बोर्ड सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र का कहना है कि ऑनलाइन खातों में ब्याज के साथ साफ जानकारी नहीं मिल रही है। अंशधारकों की तमाम दिक्कतों का ब्योरा सीबीटी सदस्यों को दिया गया है। सीबीटी सदस्य बृजेश उपाध्याय ने अगली बोर्ड बैठक में इसे प्रमुख एजेण्डे के रूप में रखने की तैयारी की है। ईपीएफओ को इसका सरलीकरण करना होगा।

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