पितृ विसर्जन अमावस्या का महत्व, इस पूजन विधि से दें पितरों को विदाई

 
नई दिल्ली 

पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार दान जरूर करना चाहिए. इससे आपके ज्ञात अज्ञात संकट कट जाएंगे  आश्विन मास के कृष्णपक्ष का सम्बन्ध पितरों से होता है. इस मास की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या कहा जाता है. इस दिन धरती पर आए हुए पितरों को याद करके उनकी विदाई की जाती है.

अगर पूरे पितृ पक्ष में अपने पितरों को याद न किया हो तो केवल अमावस्या को उन्हें याद करके दान करने से और निर्धनों को भोजन कराने से पितरों को शान्ति मिलती है. इस दिन दान करने का फल अमोघ होता है साथ ही इस दिन राहु से सम्बंधित तमाम बाधाओं से मुक्ति पायी जा सकती है. इस बार पितृ विसर्जन अमावस्या 28 सितम्बर को है

कैसे करें पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन पितरों की विदाई?

– जब पितरों की देहावसान तिथि अज्ञात हो , तब पितरों की शांति के लिए पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करने का नियम है

– आप सभी पितरों की तिथि याद नहीं रख सकते , ऐसी दशा में भी पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करना चाहिए

– इस दिन किसी सात्विक और विद्वान् ब्राह्मण को घर पर निमंत्रित करें और उनसे भोजन करने तथा आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें

– स्नान करके शुद्ध मन से भोजन बनायें , भोजन सात्विक हो और इसमें खीर पूड़ी का होना आवश्यक है

– भोजन कराने तथा श्राद्ध करने का समय मध्यान्ह होना चाहिए

– ब्राह्मण को भोजन कराने के पूर्व पंचबली दें,हवन करें

– श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मण को भोजन करायें,उनका तिलक करके , दक्षिणा देकर विदा करें

– बाद में घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें

पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन कैसे करें गुरु चांडाल योग का निवारण?

– प्रातःकाल स्नान करके पीपल के वृक्ष में जल दें

– इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का जाप करें

– दोपहर के समय किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं

– भोजन में उरद की दाल , खीर और केले रक्खें

– भोजन के उपरान्त व्यक्ति को पीले वस्त्र और धन , दक्षिणा के रूप में दें

पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन कैसे करें विष योग का निवारण?

– मध्य दोपहर में दक्षिण की और मुख करके पितरों को जल अर्पित करें

– इसके बाद भगवदगीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ  करें

– इसके बाद अग्नि में पहले घी की फिर काले तिल की और फिर भोजन के अंश की आहुति दें

– किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं

– इसके बाद उसे चप्पल या जूतों का दान करें

पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन कैसे करें राहु की समस्याओं का निवारण करें?

– पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन दोपहर के समय "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का कम से कम ग्यारह माला जाप करें

– इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें

– मंत्र जाप के बाद वस्त्रों का और जूते चप्पल का दान करें

– उसी रुद्राक्ष की माला को गले में धारण कर लें

– इस माला को धारण करके मांस मदिरा का सेवन न करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *