पिता से कहा था- पहाड़ पर जा रहे हैं, तीन माह बाद होगी बात

 हाजीपुर  
मात्र 22 साल की उम्र में जंदाहा के चकफतेह गांव का लाडला भारत-चीन सीमा पर शहीद हो गया है। गांव के लाडले के शहीद होने की सूचना पर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को तांता शहीद के घर पर जुटना शुरू हो गया है। वहीं, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। बताया जाता है कि शहीद का शव गुरुवार की सुबह में जंदाहा पहुंचेगा। जहां शहीद का अंतिम संस्कार किया जायेगा।

मालूम हो कि रविवार की आधी रात में भारत के लद्दाख के नजदीक चीन की सीमा पर हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इनमें एक वैशाली जिले के जंदाहा के चकफतेह गांव के रहने वाले कपूर सिंह का 22 वर्षीय बेटा जयकिशोर सिंह है। मात्र 22 साल की उम्र में ये अपने बड़े भाई नंदकिशोर को देखकर हीं सेना में भर्ती हुए थे। साल 2018 में ये सेना में बहाल हुए थे और इनकी तैनाती चीन सीमा पर हुई थी। छुट्टी के बाद मार्च के पहले सप्ताह में घर से ड्यूटी पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने पिता से कहा था कि अब तीन महीने बाद ही बात हो पाएगी। क्योंकि तैनाती पहाड़ों के ऊपर होनी है। लेकिन बुधवार की सुबह में इसके शहीद होने की खबर आई। चार भाईयों में जयकिशोर दूसरे हैं। इनके बड़े भाई नंदकिशोर भी आर्मी में ही हैं।

पिता और परिवार करता है खेतीबाड़ी
यशवंत ने बताया कि गांव के मैदान में जितना दौड़ जयकिशोर लगाता था, उससे इलाके में इसकी पहचान थी। पिता और परिवार खेतीबाड़ी करता है। जयकिशोर खेती, खेल सब जगह अव्वल रहा। कभी किसी बात से पीछे नहीं हटा। इसी कारण चीन सीमा पर भी ये पीछे नहीं हटा। चीनी सैनिकों को मारते हुए जयकिशोर शहीद हुआ है। हम सभी को इसकी शहादत पर गर्व है।

पहुंचने लगे ग्रामीण और जनप्रतिनिधि
जंदाहा के जयकिशोर के शहीद होने कि सूचना पर शहीद के घर पर परिजनों का रोरो कर बुरा हाल था। इसके बाद ग्रामीण और जनप्रतिनिधि भी शहीद के घर पर जुटने लगे। महनार के जदयू विधायक उमेश कुशवाहा भी शहीद के घर पहुंचे और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवक के चीन सीमा पर शहीद होने की सूचना पर इनके घर पहुंचा हूं। इनके शहीद होने पर पूरा क्षेत्र और देश मर्माहत है। इन पर हम सभी को गर्व है। 

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