पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी की बेटी ‘नागरिकता’ को मिला जन्म प्रमाणपत्र

नई दिल्ली
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने सोमवार को राजधानी के पुनर्वास कॉलोनी में रहने वाले एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी की बेटी 'नागरिकता’ को उसका जन्म प्रमाण पत्र सौंपा।
बच्ची की दादी मीरा दास (40) ने पहले कहा था कि बच्ची का जन्म नौ दिसंबर को हुआ था और राज्यसभा में संशोधित नागरिकता विधेयक के पारित होने के बाद हमने इसका नाम ‘नागरिकता’ रखने का फैसला किया। बीते 11 दिसंबर को सीएबी (अब सीएए) को लोकसभा में पारित कर दिया गया था।

उधर, दिल्ली पुलिस ने नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान संपत्ति को पहुंचे नुकसान का आकलन करने के लिए ‘दावा आयुक्त’ की नियुक्ति के वास्ते उच्च न्यायालय को पत्र लिखा है। सूत्रों के द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुई। उच्च न्यायालय के महापंजीयक को लिखे गए इस पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों में सरकारी संपत्ति को भारी क्षति पहुंची है। पत्र के अनुसार, 'इन सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कई सार्वजनिक वाहनों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है, जिससे सरकारी कोष को नुकसान हुआ है।'

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए। कहीं पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे तो कुछ जगहों से हिंसा की ख़बरें भी सामने आईं। उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। हिंसक घटनाओं को देखते हुए पूरे प्रदेश में तनाव व्याप्त है। आइए एक नज़र डालते हैं यूपी के पूरे घटनाक्रम और मौजूदा माहौल पर…

नागरिकता कानून को लेकर 20 दिसंबर को बिजनौर में हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मृतकों के परिवारवालों से मिलने बिजनौर पहुंचीं। प्रियंका ने कहा, ये हत्याएं बहुत अजीब परिस्थितियों में हुई हैं।

प्रयागराज में जिला प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं 24 दिसंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया है।

विभिन्न जिलों में गुरुवार से चल रही हिंसा में अबतक कम-से-कम 18 लोग मारे जा चुके हैं। डीजीपी ने कहा, हिंसा की वारदातों में शामिल 879 संदिग्ध उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शन के दौरान 282 पुलिसकर्मी जख्मी हैं।

उत्तर प्रदेश के जिलों की हालत का अंदेशा राजधानी लखनऊ से भी लगाया जा सकता है। सतखंडा पुलिस चौकी फूंक दी गई, वाहनों को जला दिया गया। तमाम इंतजाम प्रदर्शकारियों की भीड़ के आगे पस्त हो गए। यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू कहते हैं, तमाम एजेंसियां कहां चली गई थीं। शासन-प्रशासन के सारे इंतजाम विफल साबित हुए हैं।

उत्तर प्रदेश में हर तरफ हिंसा भड़कती गई। लखनऊ में स्थितियां बेकाबू हुईं तो सीएम योगी ऐक्शन में आए। उन्होंने कहा कि सरकारी हो या सार्वजनिक संपत्ति जो भी नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति उपद्रवियों से कराई जाएगी।

कानून व्यवस्था चरमरा उठी। कहीं प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की तो कहीं से खबर आई कि पुलिस चौकी फूंक दी गई है। प्रदर्शन के दौरान जब मौतों की खबरें आने लगीं तो योगी सरकार का टेंशन बढ़ने लगा। रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, वाराणसी, फिरोजाबाद, बिजनौर, अयोध्या, सीतापुर समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें सामने आईं।

कानपुर में शुक्रवार और शनिवार दोनों ही दिन उपद्रवियों द्वारा उत्पात मचाया गया। शुक्रवार को हलीम मुस्लिम कॉलेज से यतीम खाने की तरफ मुंह पर कपड़ा बांधे हुए भीड़ पहुंची। फिर कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पथराव शुरू कर दिया। शनिवार को तो यह स्थिति पैदा हो गई कि आरएएफ को तैनात किया गया।

यूपी में नागरिकता कानून को लेकर चौतरफा उपद्रव की ख़बरें आईं। आनन-फानन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। लखनऊ समेत 25 जिलों में तो अभी भी इंटरनेट बंद है। सरकार ने आदेश दिया है कि 23 दिसंबर तक लखनऊ के साथ-साथ 25 जिलों में इंटरनेट सुविधाएं बंद रहेंगी।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कुछ अन्य जिलों में 24 दिसंबर तक के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमाम घटनाओं के बाद अब यूपी पुलिस एक-एक कदम बेहद सावधानी के साथ रख रही है।

 सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा के बाद लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने इन घटनाओं के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।

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