पर्यटन मंत्री बघेल ने की टूरिज्म बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा

भोपाल

पर्यटन मंत्री  सुरेन्द्र सिंह बघेल ने राज्य पर्यटन बोर्ड की समीक्षा बैठक में कहा कि हमारी कार्य शैली ऐसी हो, जो अन्य के लिए अनुकरणीय बने। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और निवेश की व्यापक संभावनाएँ हैं।

मंत्री  बघेल ने समीक्षा में पर्यटन योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा की पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान बनाने के लिये प्रोफेशनल नजरिये से काम किया जाये। पर्यटन नीति के अंतर्गत फिल्म टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म एवं वॉटर टूरिज्म की गतिविधियों का विस्तार किया जाये तथा इन क्षेत्रों में निवेश के लिये आवश्यकतानुसार ड्राफ्ट तैयार करें।  बघेल ने चिन्हित कैंपिंग साइट्स की जानकारी भी ली। उन्होंने योजनाओं को जमीनी स्तर तक क्रियान्वित के लिये काम में तेजी लाने की आवश्यकता है।

सचिव पर्यटन  फैज अहमद किदवई ने बताया की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो को केन्द्र सरकार द्वारा आइकॉनिक साइट के रूप में चिन्हित किया गया है। बैठक में हेरिटेज संवर्धन तथा हेरिटेज सेक्टर में संभावनाएँ, कैपिंग पालिसी और विभिन्न टूरिस्ट सर्किट के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों पर चर्चा की गई।  बघेल ने उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर धार्मिक टूरिज्म जोन 'ऊँ' रेखा सर्किट का सर्वे करने को कहा।

बैठक में भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के स्वदेश दर्शन योजना में वाइल्ड लाइफ, बुद्धिस्ट, हेरीटेज, ईको-सर्किट तथा ओंकारेश्वर में 'प्रसाद' योजना पर मध्यप्रदेश पर्यटन के कार्यों की समीक्षा भी की गई। आगामी ट्रैवल मॉट के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री  बघेल ने समीक्षा के दौरान माण्डव (मांडू) को यूनोस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किये जाने के लिये पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों से परस्पर समन्वय बनाने के साथ ही विभागाध्यक्षों को पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिये।  बघेल ने कहा कि हर माह किये गये कार्यों एवं गतिविधियों की प्रगतिप्रतिवेदन प्रस्तुत कर विभागवार समीक्षा की जायेगी।

समीक्षा बैठक में अपर प्रबंध संचालक मती भावना वालिम्बे, विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी  विनोद कुमार अमर एवं विशेष सहायक  वीरेन्द्र पटेल सहित पर्यटन बोर्ड के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के कार्यकलाप एवं गतिविधियों हेतु वित्त, बजट/प्रशासन, योजना, यांत्रिकी, प्रचार/प्रसार एवं कौशल विकास/प्रशिक्षण के विभागाध्यक्षों के साथ चर्चा की गई।

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