पटना मेट्रो में निकलेंगी 188 वैकेंसी, 30 पदों पर होगी तत्काल भर्ती

 पटना 
पटना में मेट्रो के संचालन का जिम्मा अब 188 लोगों पर होगा। पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए प्रबंध निदेशक सहित कुल 188 पदों को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। इनके वेतन पर सालाना 17 करोड़ 28 लाख 57 हजार 108 रुपये खर्च होंगे। इनमें से 30 पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। खास बात यह है कि मेट्रो के लिए तकनीकी मदद लेने को विशेषज्ञों का पैनल भी गठित किया जाएगा। इस पैनल में अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। बता दें कि मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरीडोर का निर्माण साढ़े तीन साल में पूरा किया जाना है।

गुरुवार को राज्य सरकार के विशेष सचिव संजय कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार प्रबंधक निदेशक के अलावा एक अतिरिक्त एएमडी भी होगा। पहले 191 पद सृजन की बात थी। पटना में 13365.7 करोड़ की लागत से मेट्रो के दो कॉरीडोर का निर्माण होना है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि.(पीएमआरसीएल) ने गत वर्ष 25 फरवरी को अपनी पहली बैठक में मेट्रो परियोजना के संचालन के लिए कर्मियों के पद सृजन की कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया था। दोनों कॉरीडोर के निर्माण का काम दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा किए जाने के कारण पीएमआरसीएल को एक साथ सभी कर्मियों की जरूरत नहीं है। मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरीडोर का निर्माण साढ़े तीन साल में पूरा किए जाने का लक्ष्य है। सो 30 पदों पर भर्ती तत्काल और बाकी पर जरूरत के हिसाब से की जाएगी। अधिसूचना में नियुक्ति प्रक्रिया राज्य द्वारा निर्धारित करने की बात कही गई है। पीएमआरसीएल तकनीकी राय-मशविरे के लिए एक विशेषज्ञ पैनल भी तैयार करेगा। राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति दे दी है। इस पैनल में शामिल विशेषज्ञों का मानदेय प्रतिदिन के हिसाब से होगा, जिसे पीएमआरसीएल बोर्ड तय करेगा।
 
जेपी सेतु पर दिसंबर तक दोहरीकरण होगा पूरा
मुजफ्फरपुर। जेपी सेतु (गंगा पुल) पर रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लोगों के लिए मुजफ्फरपुर से पटना जंक्शन तक की रेल यात्रा आसान हो जाएगी। यह कहना है पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ललितचंद्र त्रिवेदी का। वे गुरुवार को मुजफ्फरपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। ब्योरा

संपत्ति विकसित करने और मार्केटिंग के लिए एजेंसी
मेट्रो के संचालन पर काफी खर्च आता है। इसमें एक हिस्सा किराए से वसूला जाएगा, जबकि दूसरा नॉन फेयर बॉक्स यानी संपत्तियां विकसित करके व अन्य साधनों से अर्जित किया जाएगा। इसके लिए विभाग अलग से एक फर्म या एजेंसी की बहाली करेगा। इसके साथ ही विधिक राय के लिए भी एक अलग एजेंसी नियुक्त की जाएगी।

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