पंचायती राज लेखा समिति की पहली बैठक संपन्न

रायपुर
छत्तीसगढ़ विधान सभा की वर्ष 2020-21 के लिए गठित स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की पहली  बैठक आज विधान सभा परिसर स्थित मुख्य समिति कक्ष में संपन्न हुई। समिति की आज संपन्न बैठक में  विधान सभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में समिति के सभापति सत्यनारायण शर्मा, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्रीमती छन्नी चन्दू साहू, यू. डी. .मिंज, सौरभ सिंह, डमरूधर पुजारी, विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराड़े, महालेखाकार, छत्तीसगढ़ दिनेश पाटिल एवं संचालक, स्थानीय निधि संपरीक्षा अनुराग पाण्डेय भी उपस्थित थे।

स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की प्रथम बैठक को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि-स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधान सभा की चतुर्थ वित्तीय समिति है। स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा जो कार्य संपादित किये जाते हैं, इनके वित्तीय कामकाज की संपूर्ण समीक्षा, नियंत्रण एवं यथा आवश्यक सुझाव, अनुशंसा संबंधी कार्य इस समिति के द्वारा किया जाता है। उन्होने कहा कि-शासकीय विभागों द्वारा स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों अथवा अन्य संस्थाओं को अनुदान एवं ऋण के रूप में जो धनराशि दी जाती है, उनके संबंध में भी यह समिति जांच करेगी कि सरकारी अनुदान एवं ऋण की राशि संबंधित संस्थाओं द्वारा उन्हीं कार्यों पर व्यय की गई है, जिसके लिए वे स्वीकृत की गई थी तथा उनके उपयोग में कोई वित्तीय अनियमितताएं तो नहीं बरती गई। डॉ. चरणदास महंत ने इस बात पर जोर दिया कि-महालेखाकार द्वारा विगत वर्षो में जिन लेखा की जांच कर प्रतिवेदन विधान सभा में प्रस्तुत किये गये हैं उसका परीक्षण समिति द्वारा अतिशीघ्र किया जाना चाहिए। डॉ. महंत ने कहा कि-समिति के मान. सभापति एवं मान. सदस्यों के दीर्घ संसदीय एवं प्रशासनिक अनुभव का लाभ समिति का प्राप्त होगा। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि समिति अधिक से अधिक बैठके कर लंबित कंडिकाओं का शीघ्र निराकरण करेगी।

समिति के सभापति सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि-विधान सभा द्वारा पारित बजट की राशि को स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थाएं किस तरह से उपयोग कर रही है, यह समिति विशिष्ट एवं तकनीकी स्वरूप के इन विषयों की सूक्ष्मता से जाँच करती है। उन्होने प्रदेश भर में बी.एस.यू.पी. कालोनी में अव्यवस्थाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होने कहा कि-अध्यक्ष द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के अनुरूप समिति की अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कंडिकाओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। इस अवसर पर महालेखाकार, छत्तीसगढ,दिनेश पाटिल एवं संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा अनुराग पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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