नेपोली के खिलाफ इटालिया कप हारने के बाद घिरे क्रिस्टियानो रोनाल्डो

रोम
एसएससी नेपोली के हाथों इटालिया कप हारने के बाद जुवेंटस के खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो अब आलोचकों के निशाने पर आते जा रहे हैं। जुवेंटस के कोच मौरिजियो सारी द्वारा रोनाल्डो की आलोचना किए जाने के बाद इटली के पूर्व स्टाइकर लुका टोनी ने भी अब रोनाल्डो की आलोचना की है। रोनाल्डो लगातार दूसरे मैच में जुवेंटस के लिए गोल दागने में विफल रहे।

इटली के क्लब एसएससी नेपोली ने जुवेंटस एफसी को फाइनल में 4-2 से हराकर छठी बार कोपा इटालिया ट्रॉफी जीत ली। वर्ष 2006 में विश्व कप जीतने वाली इटली की टीम के सदस्य रहे टोनी ने आरएआई स्पोटर्स से कहा, “मैंने देखा कि पूरी जुवेंटस टीम मुश्किल में थी। यहां तक कि रोनाल्डो भी। ऐसा लगा कि वह एक औसत दर्जे का खिलाड़ी हैं, जोकि मैच में काफी धीमे थे।”

उन्होंने कहा, “आप उनसे एक बड़े प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। लेकिन ऐसा लग रहा था, जैसे कि वह शारीरिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वह एक आदमी को भी छका नहीं सकता था।”  टोनी ने कहा, “बफन, मैदान पर सबसे अच्छा खिलाड़ी था। मुझे डगलस कोस्टा भी बहुत पसंद था। लेकिन कोच सारी ने उन्हें केवल 60 मिनट तक ही मैदान पर रखा। डगलस (कोस्टा) और (जुआन) कुआड्रो ही उनके खिलाड़ियों को हरा पाने में सक्षम थे क्योंकि उस समय रोनाल्डो काफी संघर्ष कर रहे थे।”

बुधवार (17 जून) शाम को स्टाडियो ओलिंपिको स्थित खाली स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में दोनों ही टीमें निर्धारित समय तक गोल नहीं कर पाई। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया, जहां नेपोली ने जुवेंटस को 4-2 से शिकस्त दी। रोनाल्डो पेनल्टी पर अंतिम शॉट लेने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला और उनके टीम साथी डायबाला और डेनिलो गोल नहीं कर पाए।

विजेता नेपोली के लिए लॉरेंजो इंसिग्नी, मेटियो पोलितनो, निकोला मक्सिमोविच और अर्कदियुस्ज मिलिक ने एक-एक गोल किए। वहीं, जुवेंटस की ओर से लियोनाडरे बोनुकी और आरोन रामसे ने गोल दागा। यह 12वीं बार था जब दोनों ही टीमें कोपा इटालिया के फाइनल में एक दूसरे से भिड़ी थी। दोनों टीमें पिछली बार मई 2012 के फाइनल में भिड़ी थी, जब नेपोली ने जुवेंटस को 2-0 से हराकर कोपा इटालिया ट्रॉफी जीती थी।

 

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