नेताओं के अफसर रिश्तेदारों पर आयोग की नजर, चुनाव से पहले हो सकते है कई ट्रांंसफर

भोपाल 
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की नजर राजनैतिक पार्टी के साथ साथ नेताओं के रिश्तेदार अफसरों पर जमी हुई है। लगातार उन अफसरों को हटाया जा रहा है जो नेताओं के रिश्ते-नातेदार है।भाजपा-कांग्रेस द्वारा भी इनके शिकायतें आयोग के पास पहुंच रही है। हाल ही में उमरिया कलेक्टर अमरपाल सिंह और सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक हितेष चौधरी को हटाया गया था, क्योंकि ये नेताओं के रिश्तेदारों की लिस्ट में शामिल है। निष्पक्ष चुनाव कराने के चलते आयोग की नजर लगातार इन अफसरों पर बनी हुई है।हालांकि कई आईएएस और आईपीएस की शिकायतें आयोग के पास पहुंची है।संभावना जताई जा रही है चुनाव से पहले कई अफसरों के ट्रांसफर किए जा सकते है।

दरअसल, देशभर में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू हो चुकी है। आयोग ने भी कमर कस ली है और तैयारियों में जुट गया है। लगातार राजनैतिर पार्टियों, गतिविधियों और नेताओं के रिश्तेदारा अफसरों पर ध्यान रखा जा रहा है।विधानसभा चुनाव के दौरान भी कई अफसरों को इधर से उधर किया गया था। आरोप लगते आए है कि ये अफसर अपने नेताओं के समर्थन में काम करते है, जिसके चलते यह कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में उमरिया कलेक्टर अमरपाल सिंह और सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक हितेष चौधरी के तबादले इसलिए किए गए थे क्योंकि इनकी पत्नी या भाई नेता हैं।भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लूणावत की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने कुछ दिनों पहले ही उमरिया कलेक्टर अमरपाल सिंह को लेकर शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि पूर्व विधायक प्रमिला सिंह के पति हैें और कांग्रेस के पक्ष में काम कर रहे हैं। ऐसी ही शिकायत सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक हितेष चौधरी के लिए की गई। हितेष कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के छोटे भाई हैं। इन दोनों अधिकारियों को मैदानी पदस्थापना मिले ज्यादा वक्त भी नहीं बीता था।  भाजपा ने इन दोनों अधिकारियों की नामजद शिकायत की थी। वहीं, कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए विधानसभा चुनाव में शिकायतों के जरिए कुछ आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले कराए थे। 

वही  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए राजगढ़ पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद (भिंड सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद की पुत्री), विशेष सशस्त्र बल में कमांडेंट आरएस मीणा (पूर्व भाजपा विधायक ममता मीणा के पति) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर अभिषेक राजन (पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के साढू भाई) की शिकायत करके उन्हें हटवाया था। इसके अलावा द्वितीय और तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों की नेताओं से रिश्तेदारी को लेकर ढेरों शिकायतें की गई थीं।एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी-कांग्रेस का चुनाव आय़ोग के पास पहुंचना शुरु हो गया है। भाजपा का दावा है कि उनके पास कई ऐसे अफसरों के नाम है जो कांग्रेस के पक्ष में काम कर रहे है।जल्द ही इन नामों का खुलासा किया जाएगा, वही कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस खुद अधिकारियों को लेकर सख्त है विधानसभा के दौरान भी कई कार्रवाई की गई है आगे भी की जाएगी।

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