निगम ने जर्जर मकान को ढहाया

इंदौर
नगर निगम द्वारा अति खतरनाक और अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। शुक्रवार को टीन ने छावनी स्थित एक जर्जर मकान को ढहाया। निगम टीम सुबह पुलिस और जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंची और मकान को गिराने की कार्रवाई की। जैसे ही जेसीबी का पंजा मकान से टकराया। मकान का एक हिस्सा भरभराकर जमींदोज हो गया। करीब एक घंटे की कार्रवाई के बाद निगम ने मकान को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।

टीम ने दो पोकलेन लगाकर आधे घंटे में ही आधे से ज्यादा होस्टल तोड़ दिया था। रिमूवल गैंग ब्रह्मपुरी में बिल्डर विनोद कालरा के चार मंजिला होस्टल को तोड़ने पहुंची थी। निगम के अधिकारी फोर्स का इंतजार कर रहे थे। इस बीच बिल्डर के साथी उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान के पास पहुंचे और बोलने लगे आप कार्रवाई मत करो, हमें कोर्ट से एक घंटे में स्टे मिल जाएगा। इस एक घंटे रुकने के लिए आप जो बोलो वह कर देंगे। यह सुनते ही उपायुक्त ने पुलिस फोर्स का इंतजार किए बगैर दो पोकलेन लगाकर कार्रवाई शुरू करवा दी। यह देखते ही बिल्डरों के साथी बदहवास हो गए और कॉल कर बिल्डर को बताने लगे कि उन्होंने तो कार्रवाई दोगुनी स्पीड में शुरू कर दी है।
जमींदोज

उपायुक्त ने टीम को कह दिया कि हमारे पास सिर्फ एक घंटा है। हो सकता है स्टे मिल जाए तो हम कार्रवाई नहीं कर सके। इस पर पोकलेन के ड्राइवरों ने फूर्ति से तोड़फोड़ शुरू कर दी। देखते ही देखते दो मंजिलों की दीवारें गिरा दी गईं और छत में भी बड़े-बड़े छेद कर दिए। अंदर गई टीम ने नींव के पिलरों को पंक्चर कर दिया। कार्यपालन यंत्री ओपी गोयल, सहायक रिमूवल अधिकारी वीरेंद्र उपाध्याय और बबलू कल्याणे ने चार मंजिलों तक हर मंजिल पर टीम लगाकर दीवारें तोड़ना शुरू कर दीं।

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