नान घोटाले से जुड़ सकते हैं 548 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के तार

रायपुर
छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की जांच को लेकर एसआईटी के गठन के बाद फाइलों से धूल की परत हट रही है और कई नये खुलासे भी हो रहे हैं. ताजा मामला प्रदेश में 548 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का है, जिसके तार नान घोटाले से जुड़े होने की आशंका जतायी जा रही है. छत्तीसगढ़ में बैंक घोटाले का एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें 548 करोड़ रुपयों का लेन-देन बोगस खातों के जरिये किया गया है. इसको लेकर नए सिरे से जांच की कवायद की जा सकती है.

आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने इस मामले के दस्तावेज पेश किये हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ जिला सहकारी बैंक सहित 4 निजी बैंकों में 5 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कालाधन उजागर हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने बताया कि ये खुलासा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जांच रिपोर्ट से हुआ है, लेकिन हैरानी की बात है कि मामले को लेकर आरबीआई की चिट्ठी के बाद भी पिछली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

आरबीआई ने साल 2015 में जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजीयक सहकारी संस्था को इस मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की थी, इसके बाद पंजीयक सहकारी संस्था ने आरबीआई की कार्रवाई अनुशंसा को प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ सहकारी बैंक को भेज दिया था, लेकिन बीते 3 साल में इस मामले कोई कार्रवाई नहीं हुई. कुणाल शुक्ला का आरोप है कि 15 फर्जी बैंक खाते के जरिए प्रकाश इंडस्ट्रीज के खाते में 493 करोड़ रुपये जमा हुए. वहीं त्रिपति ट्रेडर्स के खाते में 55 करोड़ रुपये जमा किए गए. जिन 4 निजी और एक जिला सहकारी बैंक में फर्जी खातों के जरिए मनी लॉड्रिंग का मामला सामने आया है, उसमें एक्सिज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटेक महेन्द्रा बैंक और करुर वैश्य बैंक शामिल हैं.

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