नागरिकता बिल: ‘बांग्लादेशी से ज्यादा पाकिस्तानियों को लाभ’

नई दिल्ली 
नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर और खासकर असम में यह कहकर कड़ा विरोध हो रहा है कि इससे राज्य की डिमॉग्रफी बदल सकती है। बीजेपी की सहयोगी रही असम गण परिषद ने इसी मुद्दे को लेकर एनडीए से नाता भी तोड़ लिया है। दूसरी तरफ, गृह मंत्रालय के मुताबिक इस बिल से बहुत कम बांग्लादेशियों को ही फायदा मिलेगा। गृह मंत्रालय के एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2015 में लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) रिजीम लागू होने के बाद से अबतक यह 200 से भी कम बांग्लादेशियों को मिला है, जबकि इसी दौरान करीब 35,000 पाकिस्तानियों को LTV जारी किए गए। 

'बांग्लादेशियों से ज्यादा पाकिस्तानियों को फायदा' 
अधिकारी ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों में अधिकांश पाकिस्तानी होंगे, क्योंकि ऐसे करीब 35 हजार लोगों ने अबतक LTV हासिल किया है। अधिकारी ने बताया, 'गृह मंत्रालय ने 8 जनवरी 2019 तक सिर्फ 187 बांग्लादेशी नागरिकों को LTV दिया था, जबकि उसी अविधि में 34,817 पाकिस्तानी नागरिकों को LTV जारी किए गए।' 

नागरिकता संशोधन बिल के तहत भारतीय नागरिकता के लिए जो लोग आवेदन करेंगे, उन्हें LTV जैसे ही मापदंडों को पूरा करना होगा। अधिकारी ने कहा, 'प्रस्तावित नए विधेयक के तहत बहुत ज्यादा बांग्लादेशी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा होता तो वे पहले ही LTV ले चुके होते, जिसके लिए ठीक यही मापदंड हैं।' 

"गृह मंत्रालय ने 8 जनवरी 2019 तक सिर्फ 187 बांग्लादेशी नागरिकों को LTV दिया था, जबकि उसी अविधि में 34,817 पाकिस्तानी नागरिकों को LTV जारी किए गए। प्रस्तावित नए विधेयक के तहत बहुत ज्यादा बांग्लादेशी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा होता तो वे पहले ही LTV ले चुके होते, जिसके लिए ठीक यही मापदंड हैं।"
-गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी

पिछले साल सिर्फ 2 बांग्लादेशियों को लॉन्ग टर्म वीजा 
जिन 187 बांग्लादेशियों को LTV मिला है, उनमें से सिर्फ 2 को यह 2018 में मिला। 2017 में 3, 1016 में 50, 2015 में 26, 2014 में 74, 2012 में 27 और 2011 में 4 बांग्लादेशियों को LTV जारी किया गया था। 2013 में किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को LTV जारी नहीं हुआ। 1 जनवरी 2015 से 14 जनवरी 2019 तक जिन पाकिस्तानी नागरिकों को LTV जारी किया गया, उनमें से 15,107 राजस्थान में रह रहे हैं तो 1,560 गुजरात, 1,444 मध्य प्रदेश, 599 महाराष्ट्र, 581 दिल्ली, 342 छत्तीसगढ़ और 101 उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं। 

पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मिलेगी भारतीय नागरिकता 

नागरिकता संशोधन बिल के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन) के उन लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी, जो भारत में 6 सालों से रह रहे हैं। फिलहाल यह अवधि 11 साल की है। यह उन पर लागू होगा जो भारत में 31 दिसंबर 2014 से पहले तक आ चुके थे। वहीं, LTV के लिए मापदंडों में ये बातें शामिल हैं- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय से जुड़े वे लोग जो शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आए हैं। उन्हें अन्य शर्तों के अलावा अपने पासपोर्ट की एक प्रति, वीजा और रेजिडेंशल परमिट की एक-एक कॉपी, फोटो और भारतीय गारंटर द्वारा जमानत का बॉन्ड जमा करना होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *