नगरीय प्रशासन मंत्री ने दिए वर्षा के दौरान जल भराव से निपटने पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश

रायपुर
नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने नगर निगम रायपुर के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर प्रदेश का हृदय स्थल है। हमारा जोर यहां के विकास के साथ-साथ इसे स्वच्छ और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर वातावरण है। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को मूलभूत सुविधा मुहैय्या कराना हम सबका दायित्व है।

डॉ. डहरिया ने आज सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में बैठक लेकर नगर निगम द्वारा आम नागरिकों को प्रदाय की जा रही मूलभूत सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर महापौर श्री प्रमोद दुबे, नगरीय निकाय एवं प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, कलेक्टर रायपुर डॉ. एस. भारतीदासन, कमिश्नर नगर निगम श्री अनंत तायल भी उपस्थित थे।

नगरीय प्रशासन मंत्री ने नगर निगम रायपुर के अधिकारियों को हिदायत दी कि वे एनजीटी के नियमों का पालन करते हुए डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन कराएं तथा बरसात के मौसम को देखते हुए जल निकासी व्यवस्था के ज्यादा से ज्यादा इंतजाम करें। इसके लिए उन्होंने नियमित रूप से नालियों की साफ-सफाई करने के निर्देश भी दिए।

डॉ. डहरिया ने नगर निगम के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी स्थिति में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो, जहां पर जल भराव के लिए बाधक हो वहां के स्थानों को संबंधित व्यक्ति या संस्था से सहमति लेकर अथवा अनिवार्य भू-अर्जन के माध्यम से जल भराव की स्थिति से निपटने का इंतजाम किया जाए। उन्होंने ऐेसे क्षेत्र जहां जल भराव से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को  दिए।

डॉ. डहरिया ने एक्सप्रेस-वे बनने के बाद एक्सप्रेस के समीप बस्तियों में जल निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए ताकि जल भराव की स्थिति निर्मित न हो। इसके लिए उन्होंने एक्सप्रेस-वे से लगे बस्ती, गायत्री नगर, कविता नगर, सतनामीपारा, शीतलापारा आदि बस्तियों का जायजा लेने अधिकारियों को निर्देशित किए। उन्होंने तेलीबांधा क्षेत्र की बस्तियों, विधायक कॉलोनी और जलविहार कॉलोनी आदि स्थानों पर भी नियमित मॉनिटरिंग कर जल निकासी का समुचित व्यवस्था करने को कहा।डॉ. डहरिया ने बैठक में शहर को टैंकर मुक्त करते हुए शत्-प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वार्डो में अधोसंरचना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया। उन्होंने इंजीनियरों और आर्किटेक्ट को निर्धारित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।

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