नंदा देवी रेस्क्यू: IMF ने शुरू किया ग्राउंड सर्च ऑपरेशन

नई दिल्ली
उत्तराखंड के मशहूर नंदा देवी शिखर पर लापता हुए 8 पर्वतारोहियों की तलाश के लिए अब खुद इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (IMF) ने ग्राउंड सर्च एक्सपिडिशन लॉन्च किया है। इस ऑपरेशन में 12 सदस्यीय एक्सपर्ट टीम लगाई गई है, जो पिंडारी ग्लेशियर के रास्ते हादसे की जगह की ओर बढ़ रही है। टीम को शनिवार को हादसे वाली जगह पर पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले, IMF ने स्थानीय प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताते हुए पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की इजाजत मांगी थी। इजाजत के बाद IMF ने अभियान शुरू किया है।

 

बता दें कि 25 मई को भारत की दूसरे सबसे बड़ी चोटी नंदा देवी की चढ़ाई कर रहे 12 पर्वतारोही हिमस्खलन के बाद लापता हो गए थे। बाद में 4 ब्रिटिश पर्वतारोहियों को बेसकैंप पर बचा लिया गया। एक हफ्ते पहले भारतीय वायुसेना ने पहाड़ 5 शव देखे थे। लापता पर्वतारोहियों के बचने की उम्मीद अब बिल्कुल नहीं है, ऐसे में उनके शवों को लाने के लिए अभियान चल रहा है। जो 8 पर्वतारोही लापता हैं, उनमें 4 ब्रिटिश, 2 अमेरिकी और एक-एक भारतीय व ऑस्ट्रेलियाई शामिल हैं।

आईएमएफ ने राय दी थी कि जो बॉडी देखी गई हैं, वह पिंडारी ग्लेशियर की साइड हैं और नंदा देवी ईस्ट बेस कैंप से पैदल वहां पहुंचना लगभग नामुमकिन है, इसलिए पिंडारी साइड से एक्सपिडिशन तुरंत लॉन्च किया जाए, जिसके लिए हम तैयार थे। 5 जून को पिथौरागढ़ डीएम और 6 जून को बागेश्वर डीएम से इसकी इजाजत मांगी गई, पर कुछ जवाब नहीं मिला। जैसे ही इजाजत मिली, IMF ने सर्च एक्सपिडिशन तुरंत लॉन्च कर दिया।

लापता पर्वतारोहियों में मार्टिन मोरान, जॉन मैलॉरेन, रिचर्ड पायने, रुपर्ट हावेल, एंथनी.एस, रचेल बिमेल, रुथ मैक्रेन और आईएमएफ के चेतन पांडे शामिल हैं। इस टीम का नेतृत्व ब्रिटेन के जाने-माने पर्वतारोही मार्टिन मोरान कर रहे थे। बचाए गए चार पर्वतारोहियों ने बताया था कि आखिरी बार उनका 24 मई को मोरान की टीम से संपर्क हुआ था तब वे नंदा देवी ईस्ट को छोड़कर कुछ अन्य चोटी की तरफ जा रहे थे। मोरान की आठ सदस्यीय टीम 7,434 मीटर की ऊंचाई पर मौजूदा नंदा देवी ईस्ट चोटी की तरफ जाने के दौरान लापता हो गए थे।

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