धारा 370 पर अब नाथ के मंत्रियों का समर्थन, कांग्रेस में खलबली, नेताओं के सुर थामने बुलाई बैठक

भोपाल
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है। कांग्रेस का एक धड़ा राहुल गांधी और गुलाब नबी आजाद जैसे बड़े नेता इसका विरोध कर रहे है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के भाई और वर्तमान विधायक लक्ष्मण सिंह जैसे नेता खुलकर समर्थन कर रहे है। अब कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने भी मोदी सरकार के फैसले का खुलकर समर्थन किया है। इस मुद्दे पर पार्टी अब अपने नेताओं के रुख से असमंजस में है, कोन्ग्रेस्स नेतृत्व ने 9 अगस्त को सभी राज्यों के नेताओं की दिल्ली में विशेष बैठक बुलाई है। जिसमे संभावना है कि पार्टी नेताओं को हिदायत दे सकती है|

दरअसल, अनुच्छेद 370 हटाये जाने का कांग्रेस नेतृत्व ने विरोध किया है।  राहुल गांधी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले के चलते टुकड़ों में बांटा गया है, यह संविधान का उल्लंघन है। जबकी कांग्रेस के ही कई दिग्गज नेता इसका समर्थन कर रहे है, इस बीच पार्टी में ऐसे नेताओं की सूची लंबी होती जा रही है, जो सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं। अब कमलनाथ समर्थक मंत्री सुखदेव पांसे ने समर्थन कर सियासत गर्मा दी है। प्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांस ने केन्द्र सरकार द्वारा कश्मीर से धारा 370 हटाने की कार्रवाई का स्वागत किया है। पांसे ने कहा- देश हित में लिए जाने वाले फैसलों का स्वागत होना चाहिए। ये फैसला सबको साथ लेकर होना चाहिए था।सुखदेव पांसे को कमलनाथ खेमे का मंत्री माना जाता है। सुखदेव पांसे बैतूल जिले के मुलताई से विधायक हैं और कमलनाथ के करीबी मंत्रियों में से एक हैं।

वही कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले वित्तमंत्री तरुण भनोत ने भी धारा-370 हटाने का समर्थन किया है और कहा कि भारत माता को मानने वाला हर लाल चाहता है देश की अखंडता बनी रहे। मैं देश को मजबूत बनाने वाले हर कदम का करता स्वागत करता हूं।हालांकि वित्त मंत्री तरुण भानोत ने ये भी कहा कि 370 हटाना अच्छा लेकिन 70 साल के शासन को कोसना मूर्खता: है। राजनीति करने की बजाय परिस्थितियों का ध्यान रखा जाए तो बेहतर होगा। भानोत ने नसीहत देते हुए कहा कि 70 साल पहले कश्मीर का भारत में विलय करवाने वालों को भी याद रखा जाए।हैरानी की बात तो ये है किसीएम कमलनाथ ने धारा 370 हटाए जाने के फैसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन उनके मंत्री औऱ विधायक खुलकर मोदी सरकार के धारा 370 हटाए जाने के फैसले का समर्थन कर रहे हैं।

इसके पहले मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया। ज्योतिरादित्य ने मंगलवार को ट्वीट किया कि, "मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर उठाए गए कदम और भारत के संघ में इसके पूर्ण एकीकरण का समर्थन करता हूं। बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया जाता। तब कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता था। फिर भी, यह हमारे देश के हित में है। मैं इसका समर्थन करता हूं ।वही चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक औऱ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह भी इसका समर्थन कर चुके है, जबकी दिग्विजय और सीएम कमलनाथ की अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है। इससे पहले कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा और पूर्व महासचिव जर्नादन द्विवेदी पहले ही इस बिल का समर्थन कर चुके हैं।

पार्टी की इस आधिकारिक लाइन के बावजूद अनुच्छेद 370 के समर्थन में नेताओं के आ रहे बयानों से परेशान होकर 9 अगस्त को सूबे के नेताओं की बैठक बुलाने का फैसला लिया गया है। पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं के साथ पार्टी के सभी अग्रणी संगठनों और विभागों के प्रमुखों को इस बैठक में बुलाया गया है,ताकि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जा सके।

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