धान खरीदी विवाद: कांग्रेस ने केंद्र को दी आर्थिक नाकेबंदी की धमकी, BJP ने किया पलटवार

रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में धान खरीदी को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. मालूम हो कि धान की खरीदी (Paddy Purchase) 2500 रुपए, बोनस और सेंट्रल पूल से चावल लेने की मांग को लेकर कांग्रेस (Congress) किसानों के साथ एक बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में है. साथ ही कांग्रेस किसानों को लेकर दिल्ली (Delhi) में भी जाने वाली है जहां केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का रोडमैन बनाया जा रहा है. कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (PM Narendra Modi) के राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने वाली है. तो वहीं इस विवाद के बीच कांग्रेस के केंद्र सरकार को खुले तौर पर आर्थिक नाकेबंदी कर देने की धमकी दे दी है. तो दूसरी ओर बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस के इस बयान की निंदा की है.

बता दें कि पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार को खुलेआम आर्थिक नाकेबंदी (Economic blockade) करने की धमकी दे दी है. केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन के तैयारियों की समीक्षा करते हुए मोहन मरकाम ने अपने संबोधन में केंद्र को धमकी देते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को छत्तीसगढ़ का लौह अयस्क पसंद है, यहां के खनीज संसाधन पसंद हैं, लेकिन धान नहीं. इसलिए जरूरत पड़ी तो राज्य में आर्थिक नाकेबंदी किया जाएगा.

मीडिया से चर्चा करते हुए पीसीसी चीफ ने शायराना अंदाज में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी को अपने कद का गुमान नहीं करना चाहिए. हमने आसमान से तारे टूटते देखे हैं. तो वहीं गुरुवार को रायपुर एयरपोर्ट पर भी पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) ने संकेत देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ का धान नहीं खरीदने पर केंद्र सरकार को हीरे और बॉक्साइट समेत छत्तीसगढ़ से जाने वाले अन्य संसाधनों की आपूर्ति भी बंद हो सकती है. मरकाम ने कहा कि केंद्र छत्तीसगढ़ से हीरे और बॉक्साइट ले सकती है लेकिन मेहनतकश किसानों का चावल नहीं.

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा केन्द्र को दी गई आर्थिक नाकेबंदी की धमकी की बीजेपी ने कड़ी निंदा की है. बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से मुद्दे पर से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री ये स्पष्ट करें कि क्या मोहन मरकाम का बयान छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से दिया गया अधिकृत बयान समझा जाए.

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