दो जून के बाद बनेगी शराब दुकान खोलने की रणनीति

भोपाल
हाईकोर्ट द्वारा दो जून तक शराब कारोबारियों पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के निर्देश और शराब दुकाने खोलने के लिए रेड जोन के लिए लागू प्रतिबंध हटाए जाने के बाद भी शराब कारोबारियों को राहत नहीं मिली है। अब हाईकोर्ट में दो जून को होने वाले निर्णय पर शराब कारोबारियों की उम्मीदें टिकी हुई हैं। न्यायालय के निर्णय के बाद शराब ठेकेदार दुकाने खोलने या बंद करने के संबंध में अंतिम निर्णय लेंगे।
मध्यप्रदेश लिकर एसोसिएशन के प्रवक्ता राहुल जायसवाल का कहना है कि रेड जोन और कंटेनमेंट क्षेत्रों की शराब दुकानें पहले से ही बंद है। वाणिज्य कर विभाग ने रेड जोन वाले  इंदौर, उज्जैन और भोपाल के शहरी क्षेत्र तथा  जबलपुर, बुरहानपुर, खंडवा, देवास के नगर निगम और धार, कुक्षी, मंदसौर, नीमच के नगर पालिका क्षेत्र में शराब दुकाने खोलने के प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है। कलेक्टर अपने जिलों की स्थिति देखते हुए दुकाने खोलने के आदेश जारी कर सकेंगे। यहां दुकाने खुली भी तो बिक्री ना के बराबर रहेगी। आर्थिक तौर पर किसी भी किस्म की राहत शराब कारोबारियों को सरकार ने नहीं दी है। सभी प्रकार के शुल्क जमा करने की शर्त पर ही ये दुकाने खोली जाना है। इसलिए शराब दुकान खोलने को कारोबारी फिलहाल तैयार नहीं है। जायसवाल का कहना है कि हम दो जून को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद होंने वाले निर्णय का इंतजार कर रहे है। यदि कोर्ट पुराने ठेके निरस्त कर नए सिरे से ठेके दिए जाने का आदेश देता है तो सभी को पुरानी जमा राशि वापस मिल जाएगी और वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार नई ठेका कीमतों का आंकलन कर ठेकेदार लाभ के आधार पर ही इन ठेकों में भाग लेंगे। दर कम होने से कारोबारियों को होने वाले नुकसान से राहत मिल सकेगी।

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