देहरादून में दिखा रिंग ऑफ फायर का खूबसूरत नजारा, दिन में ही होनी लगी रात
पटना
आज साल का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। यह ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई देगा। राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, कुरूक्षेत्र, चमौली, सिरसा, सूरतगढ़ में भी इसे देखा जा सकेगा।
Uttarakhand: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Dehradun. pic.twitter.com/Zg0zOpwIou
— ANI (@ANI) June 21, 2020
सूर्यग्रहण की शुरुआत हुए अब दो घंटें हो चुके हैं। देशभऱ से सूर्य ग्रहण की तस्वीरें और वीडियो आने लगे हैं। अब अगला सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा।
Punjab: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Amritsar today. pic.twitter.com/usRHFtjlgP
— ANI (@ANI) June 21, 2020
रांची में भी सूर्य ग्रहण देखने की कोशिश करते रहे लोग। कुछ इलाकों में बादल और बारिश के कारण लोगों निराशा हाथ लगी, वहीं कुछ इलाकों में बादलों के बीच ग्रहण का नजारा देखने को मिला।
Haryana: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Kurukshetra. pic.twitter.com/LCpg8ltvJk
— ANI (@ANI) June 21, 2020
कुरुक्षेत्र में भी शुरू ग्रहण को लोक अपने घरों से देख रहें हैं। यहां के प्रसिद्ध ब्रह्म सरोवर इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा न बढ़े।
साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है। ग्रहण के कारण सूतक लग गए है। लखनऊ समेत देशभर में आज शाम 4 बजे तक मंदिर बंद रहेंगे।
चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढकेगी। ऐसे में सूर्य के किनारे वाला हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा। इस ग्रहण को बिहार समेत देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जायेगा। इस ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व दिया जा रहा है।
योतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने पंचांगों के आधार पर बताया कि इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना। ग्रहण मृगशिरा, आद्र्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा।
भारतीय मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक यानी ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। घर के बुजुर्गों की सलाह के अनुसार ही जरूरी उपाय अपनाएं। इसके अलावा भगवान का स्मरण करें।