देश के पहले CDS पीएम के नेतृत्व वाले न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी को भी देंगे सलाह

नई दिल्ली
जनरल बिपिन रावत आज देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का चार्ज लेने वाले हैं। जनरल रावत को अब थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय एवं पीएम के नेतृत्व वाले न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सलाहकार के तौर पर भूमिका निभानी होगी। जनरल रावत आज ही आर्मी चीफ के पद से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह मनोज मुकुंद नरवणे नए आर्मी चीफ का पद संभालेंगे।

करगिल युद्ध के बाद से ही तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बिठाने के लिए इस पद के गठन की मांग उठी थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लालकिले से इसके गठन की घोषणा भी की थी। करीब चार महीने की लंबी प्रक्रिया के बाद जनरल रावत CDS बनाने का फैसला किया गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट द्वारा 24 दिसंबर को स्वीकृत किया गया CDS का चार्टर काफी व्यापक है। अगर इसे पूरी तरीके से लागू किया जाए तो यह तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय को अंजाम दे सकता है क्योंकि कई बार सैन्य बजट में हिस्सेदारी के लिए तीनों सेनाओं के बीच खींचतान भी चलती है। इसके अलावा CDS हथियार खरीद के लिए इंटर सर्विस की प्राथमिकताओं के आधार पर कोई फैसला कर सकता है। CDS इसके अलावा सरकार को सिंगल पॉइंट मिलिटरी अडवाइस भी दे सकता है। इसके अलावा वह पीएम के नेतृत्व वाले न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सलाहकार की भी भूमिका निभाएगा।

जनरल रावत ने सुरक्षाबलों की युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए संयुक्त युद्धक ग्रुप बनाने की वकालत की थी। अब बतौर CDS रावत को, जो चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी का स्थायी चैयरमैन होगा और रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख भी होगा, तीनों सेनाओं की प्लानिंग, खरीदारी और ट्रेनिंग जैसे मुद्दे को भी एकीकृत करने के लिए कई प्रयास करने होंगे।

सूत्रों ने बताया कि 2016 में दो लेफ्टिनेंट जनरल की वरिष्ठता को किनारे कर देश के आर्मी चीफ बनाए गए जनरल रावत को तीनों सेनाओं के एक ऐसे कमांड बनाने पर भी मेहनत करनी होगी जो स्पेस और साइबर स्पेस वाले अपेक्षाकृत नए जोन में मिलकर काम कर सके।

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