देशी कारोबारियों की सेहत पर भारी पड़ रहा पाकिस्तानी मेवा

नई दिल्ली
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भले ही भारत ने पाकिस्तान से आयातित सामानों पर 200 फीसदी सीमा शुल्क लगा दिया हो लेकिन इस बढ़ोतरी से पाकिस्तान से आने वाले बादाम, अखरोट और छुहारे से परेशान देश के मेवा कारोबारियों को खास राहत नहीं मिलने वाली है। दरअसल भारत और पाकि स्तान सरकार के एक निर्णय के तहत नियंत्रण रेखा (एलओसी) के रास्ते जम्मू कश्मीर में वस्तु विनिमय (बार्टर ट्रेड) के आधार पर पाकिस्तान से आयात शुल्क मुक्त है लेकिन जम्मू कश्मीर के कारोबारी इसकी आपूर्ति दूसरे राज्यों में कर रहे हैं। जिसकी सबसे ज्यादा मार दिल्ली स्थित मेवे के अहम बाजार खारी बावली के कारोबारियो पर पड़ रही है। हाल ही में छुहारे के दाम 25-30 रुपए बढ़कर 200-300 रुपए प्रति किलोग्राम हो गए हैं। जहां स्थानीय बाजार में साबुत अखरोट के दाम औसतन 400 रुपए प्रति किलोग्राम होते हैं वहीं बार्टर ट्रेड के जरिए इसके दाम 350-360 रुपए प्रति किलोग्राम बैठते हैं।

एसोसिएशन ऑफ एग्रो इंपोट्र्स के अध्यक्ष और खारी बावली के मेवा कारोबारी अपरेश गर्ग कहते हैं कि पाकिस्तान में बादाम, अखरोट, छुहारा पहले अमेरिका और अफगानिस्तान से आयात किया जाता है। इसके बाद इसे जम्मू-कश्मीर को बिना शुल्क के बार्टर ट्रेड के जरिए भेजा जा रहा है लेकिन जम्मू कश्मीर के कारोबारी इसे देश के दूसरे राज्यों में भेज रहे हैं। जिससे सीमा शुल्क चुकाकर अमेरिका और अफगानिस्तान से मेवा आयात करने वाले देसी कारोबारियों को चपत लग रही हैं। क्योंकि शुल्क के माध्यम से आयातित बादाम, अखरोट की कीमत बार्टर ट्रेड के मुकाबले 100 से 150 रुपये प्रति किलो ज्यादा है। मेवा कारोबारी बलवीर बजाज कहते हैं कि शुल्क बढ़ाना अच्छा कदम है। लेकिन इसका तब तक खास असर नहीं होगा, जब तक बार्टर ट्रेड के जरिये बादाम, अखरोट का आयात नहीं रोका जाएगा। मेवा कारोबारी कमलजीत सिंह ने कहा कि अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार बीते कुछ महीनों में अमेरिका से पाकिस्तान को अखरोट का आयात 400 फीसदी बढ़ा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान में एकदम से इनकी इतनी खपत बढ़ी है? 

उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर बादाम आ रहा था लेकिन इस कारोबार में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकियों को वित्त पोषण की आशंका के बाद हुई सख्ती से अब बादाम तो उतना नहीं आ रहा है लेकिन अखरोट बड़े पैमाने पर आने लगा है। सिंह कहते हैं कि अभी भले सीमा शुल्क बढऩे से छुहारे के दाम बढ़े हों, लेकिन कुछ दिन बाद बार्टर ट्रेड से छुहारे की आपूर्ति बढऩे पर दाम गिर जाएंगे। गर्ग ने कहा कि पाकिस्तान से आयात को रोकना है तो सरकार को बार्टर ट्रेड पर भी बंदिश लगानी होगी। इससे पाकिस्तान के कारोबार के साथ ही आतंकवादियों को फंडिंग पर भी चोट पड़ेगी। कारोबारी अनुमान के मुताबिक बार्टर ट्रेड के माध्यम से देश में 20,000 टन से ज्यादा अखरोट और 10 से 15 हजार टन बादाम का आयात हो रहा है।
 

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