देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू, कुलपति नरेन्द्र धाकड़ बर्खास्त

इंदौर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को आयोजित सीईटी की परीक्षा में हुई भारी गड़बड़ी के बाद सोमवार को कुलपति नरेन्द्र धाकड़ को बर्खास्त कर दिया गया। विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू कर दी गई है। इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में तीसरी बार धारा-52 का उपयोग कर कुलपति को हटाया गया है।
 

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में रविवार को ऑनलाइन सीईटी (कॉमन एंट्रेस टेस्ट) परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के दौरान सर्वर डाउन होने से सिस्टम फेल हो गया। इसके चलते करीब 1300 छात्रों की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। परीक्षा निरस्त होने से नाराज छात्रों ने हंगामा करते हुए विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने की मांग की थी।

कुलपति को बर्खास्त करने के बाद सोमवार शाम तक विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया जाएगा। वहीं, अगले 6 महीने के दौरान विश्वविद्यालय के लिए स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। 2015 में उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक पद से रिटायर होने के बाद 7 मई 2016 को डॉ. धाकड़ को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था।

तीसरी बार धारा-52 लगाकर हटाए गए कुलपति

धारा 52 का उपयोग कर कुलपति को बर्खास्त करने का यह तीसरा मामला है। पहली बार डीएवीवी में इस धारा का उपयोग कर उमरावसिंह चौधरी को हटाया गया था। इसके बाद फरवरी 2003 में राज्य सरकार ने तत्कालीन कुलपति डॉ. भारत छापरवाल को धारा 52 लगाकर हटा दिया था। अब नरेन्द्र धाकड़ को इस धारा का उपयोग कर हटाया गया है।

यह है धारा-52
मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-52 के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार होता है कि वह प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय में अव्यवस्था, आर्थिक अनियमितता, भ्रष्ट्राचार, विश्वविद्यालय संचालन में लापरवाहीं आदि पाए जाने पर वह कुलपति को बर्खास्त कर सकती है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू करने के पीछे विश्वविद्यालय संचालन में लापरवाही बरतने की बात बताई जा रही है।

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