देवभोग की 3 बेटियों ने गोल्ड पर किया कब्जा, बनीं अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियन

गरियाबंद 
हौसले बुलंद हो तो मुसीबतों का सीना चीरकर भी मंजिल हासिल की जा सकती है. छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के ग्रामीण अंचल देवभोग की तीन बेटियों ने मुंबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. वहीं अपने घर पहुंची इन तीनों बेटियों की गांव में पटाखे और आतिशबाजी कर जोरदार स्वागत किया गया. 3 जनवरी को मुंबई के अंधेरी में सोतोवान संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था.

बता दें कि गोल्ड मेडल जीतने वाली कराटे खिलाड़ी मीनाक्षी पिछले साल भी गोल्ड जीत चुकी है. इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि ये तीनों बेटियां कस्तूरबा गांधी आश्रम की छात्राएं हैं. बहुत ही सीमित संसाधनों में इन छात्राओं ने ये उपलब्धी हासिल की है. बावजूद इसके जब इन बेटियों से इनकी प्रैक्टिस में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल को ही टाल दिया और कहा कि मन में गोल्ड मेडल लाने का ठानी थी, जिसके बाद वे सारी परेशानियों को ही भूल गईं.

वहीं जब कोच बरखा राजपूत और आश्रम अधीक्षक अनीता मेढ़े से पूछा गया कि वे शासन से क्या मांगना चाहती हैं, तो उन्होंने एक ही स्वर में कहा कि बच्चियों को आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराया जाए.

वहीं जो पालक पहले अपनी बेटियों को टूर्नामेंट में भेजने को तैयार नहीं थे, अब वही बेटियां अपने पालकों की पहचान बन गई हैं. स्थानीय नेता भी बेटियों को देवभोग का गौरव बताते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

बहरहाल, देवभोग की इन धाकड़ छोरियों को भी अगर खेल के बेहतर अवसर उपलब्ध हो जाए, तो वो दिन दूर नहीं जब ये छोरियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना और अपने देश का नाम रोशन करती नजर आएंगी.

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