दूध 200 रुपये लीटर पहुंचा, हिंसा के बाद रोजमर्रा के सामान को तरस रहे लोग

 
नई दिल्ली

दंगों की मार झेल रही नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लोगों की परेशानी अब आगे और बढ़ती नजर आ रही है। हिंसा से किसी तरह जान बचा रहे लोगों के पास अब खाने के सामान की कमी होती जा रही है। इसकी वजह से जरूरी चीजों के रेट आसमान छूने लगे हैं। दूध की बात करें तो यह 200 रुपये लीटर तक पहुंच गया है। लोगों के घर में रखी सब्जी, आटा, दाल खत्म होने लगे हैं और आसपास कहीं कुछ मिल भी नहीं रहा।

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में पिछले 72 घंटों से स्थिति खराब है। दुकानें जला दी गई हैं या लूट ली गई हैं। रेहड़ी-पटरीवालों का सामान भी लूट लिया गया है, कुछ डर की वजह से घर से नहीं निकल रहे। ऐसे में लोगों के लिए आटा, दूध, सब्जी ला पाना नामुमकिन सा हो चला है।

चांदबाग में रहनेवाले मुबारक हुसैन बताते हैं कि दूध कुछ ही जगहों पर मिल रहा है, वह भी 200 रुपये प्रति लीटर। वह बोले, 'लोग घरों में कैद हैं और जरूरी चीजों के लिए परेशान हो रहे हैं। दूध और सब्जी ढूंढ पाना तो सबसे मुश्किल है। सामान देखने लोग यमुना विहार तक गए, लेकिन वहां भी कुछ नहीं है। लोग शाहदरा जाने से बच रहे हैं, क्योंकि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है।'

पास के खजूरी में रहनेवाले नवीन सिंह बताते हैं कि वहां भी स्थिति ऐसी ही है। दूध, ब्रेड जैसी रोज की चीजें लेने के लिए जूझना पड़ रहा है। यमुना विहार में रहनेवाले एक शख्स ने बताया कि उनके इलाके में भी हालात ऐसे ही हैं। दूध तय रेट से कहीं ज्यादा पर मिल रहा है। किराना दुकान वाले उन्हें ही सामान दे पा रहे हैं जिन्हें वे लोग जानते हैं, क्योंकि उनके पास भी स्टॉक लिमिटेड है। सीलमपुर, कबीरनगर में लोग मिलकर हालात को सामान्य करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कुछ ने मजदूर वर्ग को खिलाने के लिए भंडारा तक किया है।

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