दिल्ली हिंसा : शव ले जाने के लिए नहीं मिल रही एंबुलेंस, बाइक पर हॉस्पीटल आ रहे हैं घायल

 नई दिल्ली 
दिल्ली में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प रविवार से ही जारी है। इसमें दिल्ली पुलिस के एक हेड पुलिस कॉन्सटेबल रतन लाल सहित कुल नौ लोगों की जान चली गई है। वहीं, लगभग 130-135 लोग घायल हुए हैं। इनमें से अधिकांश लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

घायलों की संख्या को देखते हुए अस्पताल की स्थिति पूरी तरह तैयार नहीं दिख रही है। किसी को डेड बॉडी ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल रही हैं तो गोली लगने से घायल लोगों को सीटी स्कैन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। मृतकों के साथ आने वाले परिजन अस्पताल में एक-दूसरे के धर्म पर आरोप लगा रहे हैं।

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जीटीबी अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं मिली तो गोली लगने से घायल मरीजों को एम्बुलेंस से दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है। हिंसक प्रदर्शन के बाद घायलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मृतकों की बात करें तो कल तक चार लोगों की मौत की खबर थी, जो अब बढ़कर नौ हो गई है। 
 
राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। अब तक इस हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 130 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

सोमवार देर रात तक जीटीबी में 93 घायल पहुंचे और आज भी बड़ी संख्या में घायल पहुंचे हैं। मृतकों की संख्या भी बढ़ सकती है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि कुल मौत के आंकड़े कम्पाइल करके ही बता पाएंगे। अभी अस्पताल में लगातार एम्बुलेंस घायलों को लेकर आ रही हैं और अस्पताल में भारी पुलिसबल मौजूद है।

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