दिल्ली-मुंबई जाने वाले यात्री लखनऊ में फंसे, दो लाख यात्रियों का सफर मुसीबत में पड़ा

 लखनऊ 
31 मार्च की रात 12 बजे तक ट्रेनों का संचालन निरस्त होने से दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बेंगलुरु, असम, देहरादून समेत प्रदेश और प्रदेश के बाहर जाने वाले लाखों यात्री लखनऊ में फंस गए। 

दिल्ली जाने वाली शताब्दी, तेजस, लखनऊ मेल, एसी एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ और मुम्बई जाने के लिए पुष्पक, एलटीटी, कुशीनगर, बांद्रा आदि ट्रेनें शामिल हैं। इनसे रोजाना हज़ारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। चारबाग स्टेशन से ही करीब 300 ट्रेनों से रोज़ाना डेढ़ लाख और लखनऊ जंक्शन से गुजरने वाली 88 ट्रेनों से करीब 50 हज़ार यात्रियों का आवागमन होता है। इस हिसाब से करीब दो लाख यात्री प्रभावित होंगे। 

लखनऊ मेल के स्लीपर में रहती है वेटिंग 
वीआईपी ट्रेन लखनऊ मेल में 1238 यात्रियों की क्षमता है। पुष्पक में 1868 आरक्षित यात्री सफर कर सकते हैं लेकिन ट्रेनों में स्लीपर में ही वेटिंग लिस्ट 200 के पर रहती है। एसी एक्सप्रेस में 1075 आरक्षित सीटों के बावजूद यात्री कोच में वेटिंग टिकट लेकर चलते हैं। पीक सीजन में शताब्दी के 1350 और तेजस में 758 आरक्षित सीटों के बाद भी जगह नहीं मिलती है। 

150 बसों से भेजे गए यात्री
मुंबई से लखनऊ लौटी पुष्पक समेत चार ट्रेनों के हजारों यात्री रविवार सुबह जनता कर्फ्यू में फंसकर परेशान हो गए। ट्रेन में सवार अधिकांश यात्री बहराइच और गोंडा के थे। ये यात्री चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे पहुंचे तो वहां पसरे सन्नाटे के बीच हड़कंप मच गया। बस अड्डे पर बसें खड़ी थीं पर चालक परिचालक छुट्टी पर थे। ऐसे में यात्रियों ने हंगामा किया। देर शाम तक 150 बसों से चार हजार से ज्यादा महिला व पुरुष यात्री रवाना किए गए। 

रेलवे की गलती का खामियाजा भुगते यात्री
मुम्बई से पुष्पक ट्रेन से लखनऊ आए अनूप का कहना है कि उन्हें यहां से बहराइच जाना है, लेकिन यहां से यात्रियों को भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है। दूर से आने वाली ट्रेनों को एक दिन पहले ही बंद कर देना चाहिए था।

सोनकर समाज ने की खाने की व्यवस्था
कैसरबाग बस अड्डे पर दूर दराज से आए यात्री परेशान थे। बाजार बंद होने के कारण खाने का कोई सामान नहीं मिल रहा था। भूख से परेशान यात्रियों के लिए सोनकर समाज ने खाने की व्यवस्था की, जिससे यात्रियों को कुछ राहत मिली।

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