दिल्ली के बाद अब देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पर मेडिकल इमरजेंसी का ख़तरा!

इंदौर
दिल्ली (delhi) के बाद अब देश के सबसे स्वच्छ शहर (Cleanest city) इंदौर (indore) पर भी प्रदूषण का ख़तरा मंडरा रहा है. यहां भी मेडिकल इमरजेंसी (Medical emergency) जैसे हालत बन रहे हैं. पूरा इंदौर शहर शाम होते ही एक अजीब तरह की दुर्गंध (smell) से घिर जाता है. ऐसा 15 दिन से हो रहा है. लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. ये मामला अब हाईकोर्ट (high court) पहुंच गया है और प्रदूषण नियंत्रण मंडल (Pollution control board) सक्रिय है.

पूरे इंदौर शहर में जहां भी चले जाइए एक दुर्गंध हर जगह पीछा कर रही है. ये दुर्गंध ऐसी है जैसे सीवर से उठ रही हो.इसे विडंबना ही कहेंगे कि देश के सबसे साफ शहर इंदौर में रहने वाले लोग दुर्गंध से परेशान हैं. ये दुर्गंध 15 दिन से माहौल में घुली हुई है. जिम्मेदार लोग अब तक इसका पता नहीं लगा पाए हैं कि ये बदबू आ कहां से रही है.

नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केरल से टीम बुलवा ली. अफसरों ने केरल से आयी इस टीम के साथ कई क्षेत्रों में जाकर पड़ताल की. लेकिन अफसरों को कहीं दुर्गंध नहीं आयी.अब होल्कर साइंस कॉलेज की 21 सदस्यीय टीम शहर के कई क्षेत्रों से सैंपल लेकर गड़बड़ी का पता लगाने का प्रयास कर रही है. लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है. शाम ढलते ही ये दुर्गंध उठती है और शहरवासी परेशान हो जाते हैं.

इस रहस्यमयी बदबू से लोगों को गंभीर बीमारी का डर सता रहा है. बच्चों को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मेडिकल टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है इस मामले में गंभीरता से विचार किया जा रहा है आखिरकार पूरे शहर में बदबू कहां से आ रही है. इस साल बारिश ज्यादा हुई है. जितने भी नाले भरे हुए हैं उनकी सफाई के निर्देश दे दिए गए हैं. खाली प्लॉट्स में जो पानी भर गया है, उसे भी निकालने के लिए कहा गया है.

इंदौर में फैली इस दुर्गन्ध से जनता इतनी परेशान हो गयी है कि मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. शहर के लोगों की ओर से एडवोकेट विशाल सनोठिया ने एक जनिहत याचिका हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की है. इसमें शहर को बदबू से निजात दिलाने की मांग की गई है. याचिका में आशंका जताई गई है कि बदबू से आम लोगों को श्वास की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने की तकलीफ बढ़ सकती है. हाईकोर्ट ने इस गंभीर विषय पर दायर याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया है. शुक्रवार को इस पर सुनवाई होगी.

इंदौर नगर निगम के कमिश्नर आशीष सिंह और मेयर मालिनी गौड़ शहर में किसी तरह की बदबू से इनकार कर रही हैं. वो दलील दे रहे हैं कि सर्दी के मौसम में हवा भारी हो जाती है. इससे लोकल सोर्सेस जिसमें नाले,गार्डन में डली खाद और ट्रैफिक के धुएं की बदबू ज्यादा आने लगती है. हालांकि उन्होंने कहा, जहां से भी शिकायत मिल रही हैं वो उस इलाके की जांच करवा रहे हैं.

लोगों का अनुमान है कि ये दम घुटने वाली दुर्गंध कहीं ट्रेंचिंग ग्राउंड से तो नहीं उठ रही. यहां रोज 350 टन कचरा डाला जाता है. गुरूवार को मेयर मालिनी गौड़ ने नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह और अपर आयुक्त रजनीश कसेरा के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड का भी दौरा किया.उसके बाद उन्होंने फिर कहा कि ट्रेंचिंग ग्राउंड से बदबू नहीं उठ रही.

इस बीच नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम के साथ कांग्रेस पार्षद दल ने नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह से मुलाकात की. उन्होंने कहा-ये लोगों की सेहत से जुड़ा गंभीर मामला है. महापौर शहर में निकलती नहीं हैं इसलिए उन्हें ये गंभीर समस्या समझ नहीं आ रही है.

इस रहस्यमयी बदबू के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पांच गैसों-कार्बन मोनोऑक्साइड,अमोनिया,ओजोन,सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की नियमित जांच करवा रहा है. साथ ही 6 स्थानों पर प्रदूषण मापने के स्टेशनों पर भी मॉनिटरिंग चल रही है.लेकिन समस्या ये है कि इन पांच गैसों के अलावा कोई और गैस वातावरण में सक्रिय हो गई हो तो उसकी जांच नहीं हो पा रही है.

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