दिग्विजय सिंह या ज्योतिरादित्य सिंधिया को PCC अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने की कवायद तेज

भोपाल
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीस साल पुराने फार्मूले पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी मध्य प्रदेश में नया अध्यक्ष का चयन कर सकती है। राजीव गांधी ने उस वक्त सत्ता और संगठन के जरिए प्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं को ही पद देकर साधा था। इसी फार्मूले पर अब वक्त दिल्ली में विचार किया जा रहा है। फार्मूले के तहत ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम पर विचार किया जा रहा है।

तीस साल पहले राजीव गांधी ने1989 में सत्ता और संगठन में अपने-अपने गुटों का नेतृत्व करने वाले दो दिग्गज नेताओं को पद दिए थे। उस वक्त प्रदेश में विद्याचरण शुक्ल- श्यामचरण शुक्ल और अर्जुन सिंह के गुट मजबूत माने जाते थे।

राजीव गांधी ने इन दोनें गुटों के नेताओं को ही पद देने का तय कर लिया। इसके चलते अचानक उन्होंने दिसम्बर 1989 में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शिवभानु सोलंकी को हटाकर अर्जुन सिंह को कांग्रेस की जिम्मेदारी दे दी। इधर सत्ता में भी उन्होंने अचानक परिवर्तन कर दिया। अर्जुन सिंह को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त करने के अगले दिन ही मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को हटाकर श्यामाचरण शुक्ल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। राजीव गांधी ने दो दिन में सत्ता और संगठन में श्यामचरण शुक्ल और अर्जुन सिंह को ही पद दे दिए थे।

ऐसा ही फार्मूला इस वक्त प्रदेश में लागू करने पर विचार दिल्ली में शुरु हो गया है। प्रदेश में मुख्य रूप से कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट हैं। इसमें से कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में अब दिग्विजय सिंह या ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने की कवायद तेज हो गई है। अब तक सिंधिया को ही पीसीसी चीफ की दौड़ में माना जा रहा था, लेकिन इस फार्मूले से अब दिग्विजय सिंह के नाम पर भी दिल्ली में गंभीरता से विचार हो रहा है।

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक एवं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी का नाम भी चल रहा है। वहीं राहुल गांधी से सीधे जुड़े मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के नाम पर भी तेजी से विचार हो रहा है। इनके अलावा मंत्री बाला बच्चन, उमंग सिंघार का भी नाम है।

अजय सिंह के यहां पर मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह पहुंचे थे। तीनों के बीच करीब आधा घंटे मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के अगले दिन उनके यहां पर 23 विधायक पहुंचे। इन सब ने अजय सिंह से करीब डेढ़ घंटे बंद कमरे में चर्चा की। हालांकि इस मुलाकात के बाद अजय सिंह ने कहा था कि वे किसी भी पद की दौड़ में शामिल नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *