दिग्विजय-साध्वी की जीत का निर्णय होगा कल, सुबह 8 बजे से काउंटिंग होगी शुरू
भोपाल
लोकसभा सीट भोपाल की पुरानी जेल स्थित बने स्ट्रांग रूम में कल सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू की जाएगी। इसके लिए स्ट्रांग रूम की निगरानी की जा रही है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए होने वाली काउंटिंग की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। मतगणना के एक दिन पूर्व प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने पूरे स्ट्रांग रुम का जायजा लिया।
पुरानी जेल के अलावा शहर के प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए गए हैं और डेढ़ हजार से अधिक पुलिस बल लगाया गया है। जिले की सात विधानसभा की ईवीएम मशीनों की काउंटिंग की जाएगी। इन विधानसभाओं में इस बार सबसे पहले बैरसिया फिर मध्य और उत्तर के रुझान मिलना शुरू हो जाएंगे। दरअसल इन विस में मतदान केंद्रों की संख्या कम है। जबकि गोविंदपुरा के 385 मतदान केंद्रों पर गिनती में सबसे अधिक समय लगेगा। जिसकी वजह से यहां के रुझान देर से आएंगे। सीहोर विस की काउंटिंग सीहोर में ही की जाएगी।
हर एक विधानसभा क्षेत्र में मतगणना के लिए 14-14 टेबलें लगाई गर्इं हैं। प्रत्येक टेबल पर दो गणक सहायक व एक गणक पर्यवेक्षक रहेंगे, जो मतों की गिनती कर रिजल्ट बताएंगे। 15 वीं टेबल रिटर्निंग आॅफीसर की होगी, जो परिणाम घोषित करेंगे। मतगणना स्थल पर वोटों की गिनती के लिए सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी। डाक मतपत्रों की गणना में समय लगेगा। इसके बाद पोलिंग कंट्रोल यूनिट से वोटों का रिकार्ड निकाला जाएगा। जिसके आधार पर डाक मतपत्रों को इनके साथ जोड़कर रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
लोकसभा भोपाल के लिए चुनाव मैदान में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा की ओर से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित कुल 30 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इन प्रत्याशियों में से मुख्य मुकाबला दिग्विजय सिंह और साध्वी प्रज्ञा सिंह के बीच ही है। भोपाल लोकसभा चुनाव में 2141088 मतदाताओं में से 1405624 मतदाओं ने 30 प्रत्याशियों को अपने मत दिए हैं।
जिले के 2253 मतदान केंद्रों पर चुनाव होने के बाद मशीनों को पुरानी जेल के स्ट्रांग रूम में रखा गया है। जिसकी सुरक्षा के लिए राउंड द क्लाक निगरानी की जा रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सुदाम खाडे ने बताया कि ईवीएम मशीनों की निगरानी जिला प्रशासन और पुलिस के अफसर कर रहे हैं। इसके लिए ड्यूटी चार्ट जारी कर सभी से आठ-आठ घंटे के हिसाब से ड्यूटी लगाई गई है।
भोपाल लोकसभा सीट पर बीते 30 साल से भाजपा के सांसद काबिज हैं। आखिरी बार यानी 1984 में केएन प्रधान भोपाल से अंतिम बार कांग्रेंस के सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1989 में यहां से सुशीलचंद्र वर्मा सांसद चुने गए। इसके बाद 1991, 1996 और 1998 में वर्मा ही सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार पांच-पांच साल के लिए क्रमश: उमा भारती, दो बार कैलाश जोशी और निवर्तमान समय में आलोक संजर सांसद हैं। कांग्रेस ने इस बार यहां पर खूब मेहनत की है, ताकि 30 साल का सूखा समाप्त कर कांग्रेस फिर से भोपाल की सीट पर काबिज हो सकें।