दिग्विजय बोले-अगर मैं आतंकवादी हूं तो मुझे गिरफ्तार करो, जेल में डालो

भोपाल
भले ही भोपाल लोकसभा से चर्चित बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने संघ की समझाइश के बाद अपने आतंकी वाले बयान पर यू-टर्न ले लिया हो लेकिन सियासत अब भी गर्म है। कांग्रेस और चुनाव आयोग के एक्शन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने साध्वी के बयान पर पलटवार किया है। दिग्विजय का कहना है कि अगर मैं आतंकवादी हूं तो मुझे गिरफ्तार करो और जेल में डालो।  इधर सीहोर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को सौंप दी। जिसमें साध्वी को क्लीनचिट दी गई है, जिससे आयोग भी संतुष्ट है। 

दरअसल, दो दिन पहले साध्वी प्रज्ञा प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करने सीहोर पहुंची थी जहां उन्होंने बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा और उन्हें आतंकी कहा था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ जिसके बाद सियासत गर्मा गई। इसके बाद बढ़ते विवाद के चलते साध्वी ने अपने बयान से यू-टर्न लिया और कहा कि मैनै दिग्विजय को आतंकी नही कहा।जिस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। 

सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया है और प्रज्ञाजी कहती हैं दिग्विजय सिंह आतंकवादी है। अगर आतंकवादी हूं तो गिरफ्तार करो, जेल में डालो, गिरफ्तार क्यों नहीं करते। वे शुक्रवार को ग्राम खंडवा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा कि मुझे आतंकवादी कहा जाता है। यदि मैं आतंकवादी हूं तो मुझे जेल में डालो। मैंने भगवा आतंकवाद कभी नहीं कहा। हमारे धर्म में जो लोग सन्यासी हो जाते हैं वे सत्ता के पीछे नहीं भागते।  वही उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि ये तो देशद्रोही है, तो मैं थाने में चला गया कि भैया मैं देशद्रोही हूं, मुझे गिरफ्तार करो, तो थानेदार ने कह दिया कि आपके ऊपर न तो कोई मुकदमा है और न कोई रिपोर्ट है। मैंने कहा, तुम्हारा मामा काहे को मुझे देशद्रोही बोलता है।

दरअसल, दो दिन पहले सीहोर में प्रचार कार्यालय के उद्घाटन के दौरान भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए उन्हें आतंकवादी बताया है। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया, और राजनीति कर लेता इसकी कोशिश नहीं कर पाया। अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है। एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है।हालांकि विवाद बढ़ने के बाद संघ के कहने पर साध्वी अपने बयान से पलट गई थी और उन्होंने कहा था कि मैने दिग्विजय को आतंकी नही कहा।

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