दिग्विजय नहीं दे पाए वोट, साध्वी प्रज्ञा बोलीं- उनमें जागरूकता की कमी

 
भोपाल 

मध्य प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल भोपाल लोकसभा सीट पर छठे चरण के तहत बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को वोट डाला. हालांकि उनके खिलाफ इस सीट से लड़ रहे कांग्रेस के उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुद वोट नहीं डाल पाए, क्योंकि वह भोपाल लोकसभा सीट के मतदाता नहीं हैं. दिग्विजय सिंह को वोट डालने के लिए राजगढ़ पहुंचना था, लेकिन वह पहुंच नहीं पाए.

उन्होंने वोट नहीं डालने पर माफी मांगी और कहा कि अगली बार वह भोपाल में नाम दर्ज कराएंगे. इधर, आजतक से खास बातचीत में साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि दिग्विजय सिंह में जागरूकता का अभाव है, इसलिए वह वोट नहीं कर पाए.

दिग्विजय सिंह के वोट नहीं डाल पाने के सवाल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उनके अंदर जागरूकता और नैतिकता का अभाव है. अगर उनमें विश्वास होता तो वह वोट डालने जाते. हमें भरोसा है हम कभी कोई गलत काम नहीं करते, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं हो सकता. उनका तो षड्यंत्र व्यू था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि भोपाल की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्होंने लोकतंत्र के पर्व को दूषित किया है. साध्वी ने कहा कि जो व्यक्ति खुद वोट डालने नहीं गया, वह अपने लोकसभा क्षेत्र का क्या विकास करेगा.

दूसरे प्रत्याशियों के लिए कैंपेनिंग करने के सवाल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जो संगठन तय करेगा वह करूंगा. अगर मांग आती है तो जाऊंगी. यह तो स्वभाविक है काम करने के लिए राष्ट्र के लिए निकले हैं. भोपाल के एजेंडे पर साध्वी ने कहा कि मैं चाहती हूं कि स्त्री प्रताड़ित ना हो, गैरकानूनी गतिविधियां ना हों और संविधान का सम्मान हो. एजेंडे पर उन्होंने आगे कहा कि पूर्ण रूप से हिंदुत्व विकास का समृद्धि का पर्याय है, इसलिए एजेंडा होना चाहिए.

कंप्यूटर बाबा कर रहे थे दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार

बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में नेताओं के साथ संतों को भी शामिल किया गया है. विधानसभा चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व के फॉर्मूले की कामयाबी से खुश कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव में भी इसी फॉर्मूले को अपनाने में कामयाब रही है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में कंप्यूटर बाबा को जगह दी है. कांग्रेस की स्टार प्रचारक कंप्यूटर बाबा से जब आजतक संवाददाता से बात की थी तो उन्होंने साफ कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का धर्म दिखावे का है, जो लोगों को हिन्दू-मुसलमान में बांटता है.

साध्वी प्रज्ञा पर चुनाव आयोग ने लगाया था 72 घंटे का बैन

साध्वी प्रज्ञा ने आचार संहिता के बावजूद कहा था कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जब बाबरी मस्जिद गिराई गई तो वो वहां मौजूद थीं. यहां तक कि साध्वी प्रज्ञा ने मस्जिद के गुंबद पर चढ़कर उसे ध्वस्त करने में खुद को शामिल बताकर इस पर गर्व की बात कही थी. साध्वी के इस बयान को गलत पाते हुए चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगाया था.

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