दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बजाय BMHRC प्रबंधन ने क्रिकेट में बांट दिये 1.14 लाख
भोपाल
भोपाल गैस पीडितों के हितों के लिए संघर्षरत संगठनों ने बीएमएचआरसी प्रबंधन द्वारा अस्पताल में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बजाय क्रिकेट प्रतियोगिता कराने पर आपत्ति जताई है।
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की निदेशक रचना ढींगरा और भोपाल गैस पीडित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजक साधना कर्णिक प्रधान ने कहा कि कि भोपाल मेमोरियल अस्पताल में जहां एक ओर जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव है और डॉक्टर न होने से सुप्रीम कोर्ट जहां फटकार पर फटकार लगा रहा है वहीं दुसरी ओर बीएमएचआरसी प्रबंधन यहां दवा खरीदी के बजाय विभाग खेल कूद और मनोरंजन के लिए पैसे बांट कर क्रिकेट मैच का आयोजन करवा रहा है।
गौरतलब है कि यह क्रिकेट टूर्नमेंट उस समय हो रहे है जब पिछले 3 साल से बीएमएचआरसी विशेषज्ञ डॉक्टरो, जीवन रक्षक दवाओं और पीड़ितों के इलाज की कमी से जूझ रहा है उस समय प्रबंधन द्वारा क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं। अस्पताल के कार्डियोलोजी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से गैस पीड़ितों की एंजियोग्राफी एंजियोप्लास्टी तक नही हो पा रही है जिससे हार्ट के मरीजों की जान खतरे में है।
नेफ्रोलॉजिस्ट न होने से अस्पताल में 8 डाईलिसिस मशीने जूनियर स्टाफ और टेक्नीशियनो द्वारा चलाई जा रही है।अस्पताल द्वारा 20 करोड़की एमआरआई मशीने आउटसोर्स तकनीशियनों द्वारा चलाई जा रही है जिसमे कई माह की वेटिंग है। सुप्रीम कोर्ट निर्देश के बाद भी अस्पताल डॉक्टरों की भर्ती नही कर रहा है। यहां तक कि ईमरजेंसी मे भी गैस पीड़ितों को इलाज नही दिया जा रहा है। गैस पीड़ित महंगा प्राइवेट इलाज व अस्पताल के बाहर से महंगी दवाए खाने पर मजबूर है.