दरगाह आला हजरत से नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ बायकॉट का ऐलान

 बरेली 
दरगाह आला हजरत से नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ आवाज उठी है। काजी-ए-हिंद व जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष असजद रजा खां कादरी ने बिल की निंदा की है। उन्होंने इसे संविधान को बदलने की नापाक कोशिश करार दिया है। साथ ही गृह मंत्री के बयानों पर भी विरोध जताया है।

मंगलवार को  मुसलमानों के सुन्नी मरकज दरगाह आला हजरत की ओर से असजद रजा खां कादरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर संसद में पास हुए बिल से मौलिक अधिकारों के अनुच्छेद 14 व 15 का उल्लंधन किया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के फैसले और बयानों की निंदा करते हुये कहा कि हमारे तीन मुस्लिम पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है। इसलिए वह उन्हें भारत की नागरिकता देना चाहते हैं। जिस कारण से इस बिल में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला हिन्दू-मुस्लिम का नही देश के संविधान का है। उन्होंने कहा कि देश कानून से चलेगा तानाशाही से नही। यह जानकारी जमात के मीडिया प्रभारी समरान खान ने दी है।

बिल का विरोध कर रहे लोगों की प्रशंसा की
काजी-ए-हिंद असजद मियां ने एनआरसी और कैब का विरोध कर रहे लोगों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विरोध करना हमारा हक है। इसकी इजाजत उन्हे अनुच्छेद 19 देता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सरकार को उनकी आवाज सुननी चाहिये।

सभी खानकाह होंगी एकजुट, करेंगे बायकॉट
असजद मियां ने कहा है कि वह कानून को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसको लेकर उलेमाओं की बैठक बुलाई जाएगी। सभी खानकाह एक हो और एनआरसी का बायकाट करे। कोई भी मुस्लिम अपने कागज नहीं दे। सरकार जो चाहे करे हमें डिटेक्शन सेंटर भेज दें।

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