‘दबंग 3’ के राइटर ने कहा, ऐक्टर अच्छे, लेकिन रावण जैसे अहंकारी हैं सौरभ शुक्ला

बॉलिवुड के बेहतरीन अभिनेता सौरभ शुक्ला और उनकी रिलीज़ के लिए फिल्म 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' के राइटर दिलीप शुक्ला के बीच शूटिंग के दौरान हुआ आपसी विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। इन दिनों सलमान खान स्टारर फिल्म 'दबंग 3' पर काम कर रहे दिलीप ने 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' के सेट पर हुए विवाद पर हमसे खुलकर बात की और साफ-साफ कहा कि सौरभ शुक्ला एक ब्रिलियंट ऐक्टर हैं, लेकिन अहंकार ( Ego ) उनमें कूट-कूट कर भरा है।

बेहद घमंडी और रावण जैसा अहंकार रखते हैं सौरभ शुक्ला
दिलीप कहते हैं, 'सौरभ शुक्ला एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ अच्छे राइटर भी हैं, लेकिन बेहद अहंकारी भी हैं, वह रावण जैसा अहंकार रखते हैं। फिल्म फैमिली ऑफ ठाकुरगंज में जो किरदार सौरभजी निभा रहे है हैं, उसके लिए वह पूरी तरह फिट हैं, अभिनय के दौरान किरदार की भाषा में भी उनकी कमांड बखूबी है। मैं यह मानता हूं कि एक ऐक्टर को राइटर होना जरूरी है, क्योंकि चरित्र निभाने के लिए कल्पना और शब्दों दोनों की जरूरत पड़ती है।'

सौरभ शुक्ला फिल्म के सेट पर खुद को विशेष समझने लगे थे, तब शुरू हुआ मतभेद
'जब भी कोई ऐक्टर अपने आपको विशेष समझने लगता है, औरों से अलग, सबसे महत्वपूर्ण और खुद को बेहद खास समझने लगता है, तब मिल-जुल कर किए जाने वाले टीम वर्क में प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। फिल्म फैमिली ऑफ ठाकुरगंज में सौरभ शुक्ला के साथ भी यही हुआ, वह फिल्म के सेट पर खुद को विशेष समझने लगे थे। उन्हें लगता था कि, जो वह कह रहे हैं, समझ रहे हैं और कर रहे हैं, वही सही है।'

मुझे ऐक्टर्स की अहमियत और उनका सम्मान करना अच्छी तरह आता है
'ऐसे समय पर फिल्म का राइटर होने के नाते मुझे अपनी कहानी और किरदार डावां-डोल नजर आते और हमारे क्रिऐटिव मतभेद होते थे। एक राइटर के तौर पर मैने सनी देओल, अमरीश पुरी, सलमान खान सहित तमाम दिग्गज स्टार्स के साथ काम किया है। मुझे ऐक्टर्स की अहमियत और उनका सम्मान करना अच्छी तरह आता है। मेरा कभी किसी अभिनेता से कभी कोई झगड़ा नहीं रहा है।'

मेरा सलमान खान से भी अच्छा रिश्ता है
'मेरा सलमान खान से भी अच्छा रिश्ता है, तभी तो मैं पिछले कई सालों से दबंग सीरीज लिख रहा हूं। जब कोई सामने से ही डिसरिस्पेक्ट करे तो क्या किया जाए। मामला तब बिगड़ता है, जब कोई सामने से ही बिगड़ना चाहता हो। सौरभ शुक्ला के साथ काम करने के बाद पता चला कि वह ईगो में डूबे हुए हैं। यह ईगो किस बात का है मुझे नहीं पता।'

अमरीश पुरी राइटर्स का बहुत सम्मान करते थे
'अमरीश पुरी के साथ मैंने घायल, ऐलान, दिव्यशक्ति, दामिनी जैसी फिल्म में काम की है। वह राइटर्स का बहुत सम्मान करते थे। जब वह किसी फिल्म में अपने किरदार की लाइन बदलना चाहते थे तो हमसे बात करते थे, पूछते थे कि भाई देखो क्या यह चीज ऐसे बोल सकते हैं। वास्तविकता में फिल्म बनाते समय सभी मिलकर काम करते हैं, राइटर और ऐक्टर का रिश्ता बहुत ही दोस्ती भरा होता है, तभी एक बेहतर कैरक्टर उभरकर सामने आता है।'

ऐक्टर को अच्छी कहानी, राइटर को भी एक अच्छे ऐक्टर की जरूरत
'सही मायने में जिस तरह एक ऐक्टर को अच्छी कहानी, उम्दा किरदार, शानदार डायलॉग की जरूरत होती है, ठीक इसी तरह एक राइटर को भी एक अच्छे ऐक्टर की जरूरत पड़ती है, ताकि वह उनकी लिखी कहानी, डायलॉग पर जान फूंक सकें, अच्छी तरह निभा पाए, राइटर के शब्दों के साथ न्याय कर पाए।'

फिल्म 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' 19 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही हैं। फिल्म के डायरेक्टर हैं मनोज झा। जिमी शेरगिल, माही गिल, सौरभ शुक्ला, नंदिश संधू, सुप्रिया पिलगांवकर, प्रणति राय , मनोज पाहवा और पवन मल्होत्रा फिल्म में अहम भूमिकाएं निभा रहे हैं। फिल्म को प्रड्यूज किया है निर्माता अजय कुमार सिंह ने।

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