दक्षिण से भी आजमा रहे किस्मत, दादी और मां की राह पर चले राहुल गांधी

नई दिल्ली         
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज गुरुवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र भरेंगे. गांधी परिवार से राहुल गांधी तीसरे ऐसे शख्स होंगे जो दक्षिण भारत की किसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दावा है कि राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट अब सुरक्षित नहीं रह गई, इसलिए सेफ सीट की तलाश में वो केरल पहुंच गए.  

हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी के इस दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी अपनी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की तरह ही राष्ट्रीय नेता के तौर पर उभर रहे हैं, ऐसे में उनका दो सीटों पर चुनाव लड़ना उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम करेगा. राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ी चर्चा यही है कि क्या सेफ सीट से चुनाव लड़कर राहुल अपनी दादी और मां की तरह सफल हो पाएंगे? आइए जानते हैं कि गांधी परिवार के कौन-कौन से नेता और कांग्रेस के किन अध्यक्षों ने दक्षिण भारत से चुनाव लड़कर पार्टी को सफलता दिलाई.

गांधी परिवार से तीन लोग

इंदिरा गांधी : साल 1977 में इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी ने चुनाव कराया, लेकिन वे जनमत को समझ नहीं पाईं. जयप्रकाश नारायण की जनता गठबंधन ने चुनाव जीत लिया. अपनी इस हार के बाद इंदिरा गांधी ने 1978 में कर्नाटक के चिकमंगलूर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ीं और जीतीं. इसके दो साल बाद जनवरी 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली और मेडक (तेलंगाना, तब आंध्र प्रदेश) लोकसभा सीट से मैदान में उतरीं. दोनों जगहों से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने रायबरेली सीट छोड़कर मेडक सीट का चयन किया.

सोनिया गांधी : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 1999 में कर्नाटक के बेल्लारी और उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा सीट से एक साथ चुनावी मैदान में उतरी थीं. उन्होंने दोनों सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन उन्होंने बेल्लारी सीट छोड़कर अमेठी सीट से सांसद बनना पसंद किया. उन्होंने बेल्लारी से बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज को हराया था. सोनिया गांधी को 1999 का चुनाव जीतने के बाद करीब दो महीने बाद ही कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया. उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की बात हुई तो तत्कालीन कांग्रेसी नेता शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया के विदेशी नागरिक होने की बात कह कर प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया. तीनों ने बाद में कांग्रेस से अलग होकर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बना ली.

राहुल गांधी : अपनी दादी और मां की तरह ही कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अपनी किस्मत उत्तर प्रदेश के अमेठी के अलावा केरल के वायनाड संसदीय सीट से भी आजमा रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष जिन्होंने दक्षिण भारत में कांग्रेस को जीत दिलाई

के. कामराज : 1964 से 67 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे के. कामराज को एक समय किंगमेकर कहा जाता था. वर्ष 1969 में उन्होंने तमिलनाडु के नागरकॉयल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी. कामराज तमिलनाडु (तब मद्रास स्टेट) के तीसरे मुख्यमंत्री बने. लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री बनाने के पीछे कामराज का ही बड़ा हाथ था.

एस. निजालिंगप्पा:  1968 से 69 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे. ये अविभाजित कांग्रेस के आखिरी पार्टी अध्यक्ष थे. इन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव कर्नाटक के चित्रदुर्गा सीट से लड़कर जीता था.

पीवी नरसिम्हा राव : 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद कांग्रेस की ओर से पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया गया. वे तब सांसद भी नहीं थे. बाद में उन्होंने आंध्र प्रदेश के नंदयाल लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता. 1992 से 96 तक वे पार्टी के अध्यक्ष भी रहे.

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