दंगे पर ओवैसीः देश में हिंदुत्व के नफरत की सुनामी

नई दिल्ली
दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में चर्चा के दौरान एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके नेताओं पर दिल्ली दंगे को लेकर कोई पछतावा दिखाई नहीं देता और देश में 'हिंदुत्व के नफरत की सुनामी' आ गई है।

औवैसी ने साथ में दावा किया है कि दंगा एक 'सुनियोजित कार्यक्रम' था जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उधर, सदन में सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश थी और दोषी कोई भी हों उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

ओवैसी ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। केंद्र को निशाने पर लेने पर एक समय ओवैसी और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भिड़ते दिखे।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सांसद हैं और उन्हें इस संवेदनशील विषय पर सदन में ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे तनाव बढ़े। उन्होंने कहा कि सियासत चमकाने के बहुत मौके हैं, यहां ऐसा नहीं करना चाहिए। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि ओवैसी यहां अमन-चैन की बात कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी ने 'हैदराबाद में हजारों हिंदू बस्तियों को खाली करा दिया।'

धर्म विशेष के पीड़ित का नाम गिनाने पर शाह ने लताड़ा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दंगे के दोषी किसी भी समुदाय या किसी भी पार्टी विशेष के हों, बख्शे नहीं जाएंगे। शाह जब सवालों के जवाब दे रहे थे तब कांग्रेस नेताओं ने वॉक आउट कर दिया।

शाह ने इस दौरान मृतकों और घायलों की धार्मिक पहचान बताने से इनकार करते हुए उन्हें भारतीय संबोधित किया, वहीं उन्होंने ओवैसी पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने के भी आरोप लगाए। शाह ने कहा कि ओवैसी ने सदन में एक खास समुदाय के पीड़ितों के नाम तो गिनाए, लेकिन जिस आईबी ऑफिसर को 400 बाक चाकूओं से गोदा गया उसपर भी अफसोस जताते। गृह मंत्री के इतना कहने पर सदन में हंगामा होने लगा।

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